UP News: उत्तर प्रदेश की जेलों में बंदियों के सुधार, कल्याण और व्यवहार में बदलाव की दिशा में असाधारण काम के लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिनका तिनका फाउंडेशन को सम्मानित किया गया. आपको बता दें कि 26 जनवरी को यूपी के डीजीपी/एडीजी (जेल प्रशासन और सुधार सेवाएं) एसएन साबत द्वारा डॉ. वार्तिका नन्दा के नेतृत्व वाले तिनका तिनका फाउंडेशन को प्रशस्ति प्रमाण पत्र दिया गया.
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कौन हैं डॉ. वर्तिका नन्दा?
डॉ. वर्तिका नन्दा भारत की स्थापित जेल सुधारक, मीडिया शिक्षक और लेखिका हैं. 2014 में भारत के राष्ट्रपति से स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित. उन्हें यह पुरस्कार मीडिया और साहित्य के जरिए महिला अपराधों के प्रति जागरूकता लाने के लिए दिया गया. हरियाणा और उत्तराखंड की जेलों में रेडियो लाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है. 2019 में तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड की थीम भी जेल में रेडियो ही थी और इसका समारोह जिला जेल लखनऊ में आयोजित किया गया था.
वर्तिका नन्दा की इन किताबों की खूब होती है चर्चा
जेलों पर लिखी वर्तिका नन्दा की तीन किताबें- तिनका तिनका तिहाड़, तिनका तिनका डासना और तिनका तिनका मध्य प्रदेश- जेल-जीवन पर प्रामाणिक दस्तावेज मानी जाती हैं. तिनका तिनका डासना- उत्तर प्रदेश की जेलों पर एक विस्तृत रिपोर्टिंग के तौर पर सामने आई थी. 2018 में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमबी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने जेलों में महिलाओं और बच्चों की स्थिति की आकलन प्रक्रिया में शामिल किया.
जेल के अनूठे प्रयोगों के लिए जानी जाती हैं वर्तिका
डॉ. वर्तिका नन्दा अपराध पत्रकारिता को लेकर लीक से हटकर काम करती हैं और जेल के अनूठे प्रयोगों के लिए जानी जाती हैं. तिनका तिनका भारतीय जेलों पर वर्तिका की एक अनूठी श्रृंखला. जेलों का उनका काम दो बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हुआ.
तिनका तिनका बनाता है जेल आधारित पॉडकास्ट
नन्दा द्वारा स्थापित तिनका तिनका फाउंडेशन ने देश की जेलों पर पहले और इकलौते पॉडकास्ट-तिनका तिनका जेल रेडियो की शुरुआत की है. इन्हें यूट्यूब पर तिनका तिनका जेल रेडियो के नाम से प्रसारित किया जाता है. फिलहाल डॉ. नन्दा दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख हैं.
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