केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपनी पहली किताब ‘लाल सलाम’ के साथ ही अब लेखक के अवतार में भी आ गई हैं. इस किताब का प्रकाशन वेस्टलैंड नामक प्रकाशन कंपनी ने किया है. यह 29 नवंबर को बाजार में आएगी.
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यह किताब अप्रैल 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुई केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 76 जवानों की हत्या से प्रेरित है. साथ ही यह किताब देश सेवा के लिए, खासकर नक्सली इलाकों में जिंदगी खपाने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि है.
ईरानी ने अपनी इस पुस्तक के बारे में कहा, ‘‘यह कहानी अक्सर मेरे दिमाग में घूमती रहती थी. अंततः मैं इसे लिखने से खुद को रोक नहीं सकी. मैं उम्मीद करती हूं कि पाठक इसका लुत्फ उठाएंगे और उस चीज को समझ पाएंगे, जिसके बारे में बहुत कम लिखा गया है.’’
‘लाल सलाम’ एक युवा अधिकारी विक्रम प्रताप सिंह की कहानी है, जो अंदरखाने की राजनीति और भ्रष्टाचार में उलझे तंत्र की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का मुकाबला करता है. प्रकाशक के मुताबिक, यह विपरीत परिस्थितियों का साहस व संयम से मुकाबला करने वालों की कहानी है.
वेस्टलैंड के वी के कार्तिक ने कहा, ‘‘इस पुस्तक में रहस्य, रोमांच, एक्शन, यादगार चरित्र सब है. ‘लाल सलाम’ एक ऐसी पुस्तक है जिसे पढ़ने वाला पन्ने पलटता रहेगा और इसे पूरा पढ़कर ही रूकेगा.’’
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