UP: मॉक ड्रिल खत्म,कोरोना खत्म? जब बिना मास्क अस्पतालों में दाखिल हुए रिपोर्टर, ‘खुली पोल’

UP News Hindi: पूरे देश की तरह यूपी में भी जोरों शोरों से कोरोना के खतरे के बीच अस्पतालों की तैयारी परखने के लिए मॉकड्रिल…

UPTAK
follow google news

UP News Hindi: पूरे देश की तरह यूपी में भी जोरों शोरों से कोरोना के खतरे के बीच अस्पतालों की तैयारी परखने के लिए मॉकड्रिल की गई. यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने मंगलवार को लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में जाकर मॉकड्रिल में हिस्सा भी लिया और तमाम कैमरों के सामने अपनी सदरी उतार एक ठंड में एक मरीज को भी दे दी. लेकिन क्या यह सब कर लेने से सच में यूपी के अस्पताल किसी भी खतरे से लड़ने को तैयार हैं?

यह भी पढ़ें...

इसकी पड़ताल करने यूपी तक ने दस्तक दी राजधानी लखनऊ समेत दो अन्य जिले हमीरपुर और अमरोहा के अस्पतालों में, आइए जानते हैं यह अस्पताल कितने हैं तैयार.

1. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चिनहट, लखनऊ

यूपी तक की टीम सबसे पहले पहुंचती है चिनहट के सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र (CHC Chinhat) अस्पतालों में बिना मास्क प्रवेश वर्जित होने के आदेश हुए करीब एक हफ्ता और और मॉकड्रिल हुए एक दिन हो चुका है. ऐसे में यूपी तक के रिपोर्टर ने अस्पताल में दाखिल होने से पहले अपने चेहरे से मास्क हटा लिया और जानना चाहा कि क्या कोई उसे अस्पताल में बिना मास्क अंदर प्रवेश करने से रोकेगा?

हम बिना किसी परेशानी के बिना मास्क लगाए अस्पताल के अंदर दाखिल हो गए, ना किसी ने हमें रोका और न ही टोका. अंदर जाते ही तमाम बिन मास्क मरीजों की भीड़ से होते हुए सबसे पहले हम पहुंचे टीकाकरण सेंटर. जहां पर जो डॉक्टर टीकाकरण कर रही थी, ना वो मास्क लगाए थी और ना ही जो लोग टीकाकरण कराने आए थे उनके चेहरे पर मास्क था.

उत्तर प्रदेश न्यूज़: यूपी तक ने जब टीकाकरण कराने आए मरीजों से बात की तो अलग-अलग जवाब सामने आए. किसी ने कहा कि हम जल्दी-जल्दी में घर से निकल आए हैं और मास्क लगाना भूल ही गए, तो किसी ने यह कह दिया कि जब बाकी लोग मास्क यहां नहीं लगाए हैं तो हम ही क्यों लगाएं. तो वहीं कुछ ने कहा कि गाड़ी में मास्क छूट गया है तो कुछ ने कैमरा देख कर अपना चेहरा ढंकना शुरू कर दिया.

डॉक्टर साहिबा तो अपनी सीट छोड़कर ही चली गई और कुछ देर बाद अंदर से अपने चेहरे पर मास्क लगाकर वापस बैठी और कैमरा देखकर वहां टीकाकरण के लिए आए लोगों को बताने लगीं कि बिना मास्क के टीकाकरण नहीं होगा.

यूपी कोविड अपडेट: इसके बाद हम डॉक्टरों के कुछ कैबिनों के पास गए, जहां मरीजों की लंबी लाइन लगी थी. वरना मरीजों के चेहरे पर मास्क था और ना अंदर मरीजों को देख रहे डॉक्टर के चेहरे पर. इतना ही नहीं जहां पर पर्चा बन रहा था वहां पर खड़ी भीड़ ने भी मास्क नहीं लगाया हुआ था और कैमरा देखकर वहां खड़ी औरतें पल्लू से अपना चेहरा ढंकने लगीं. जो व्यक्ति पर्चा बना रहे थे उनके चेहरे पर भी मास्क नहीं था और कैमरा अपनी ओर आते देख उन्होंने नीचे से मास्क निकाला और कहा कि मेरा मास्क टूट गया है, इसलिए मैं नहीं लगा पाया.

वहीं जब यूपी तक ने अस्पताल के अधीक्षक से बात करनी चाही तो उनके कैबिन में कुर्सी खाली पड़ी थी. बताया गया कि वह फील्ड पर निकले हुए हैं.

2. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, इंदिरा नगर, लखनऊ

यहां भी आज तक के रिपोर्टर बिना मास्क लगाएं अस्पताल के अंदर चलते चले गए. ना ही किसी ने रोका और ना ही किसी ने मास्क लगाने के लिए कहा. मजे की बात यह थी कि एंट्री जहां से हुई वहीं पर बड़ा-बड़ा बोर्ड लगा था-नो एंट्री विदाउट मास्क.

जब हम अस्पताल के अंदर गए तो यहां के हालात भी बदतर थे. पानी पीने के लिए फिल्टर तो लगा था पर नीचे बसी गंदगी में वह साफ पानी भी गंदा नजर आ रहा था. उसके ठीक नीचे किसी ने पान मसाला खाकर काफी ज्यादा थूक रखा था. इसकी वजह से वहां से पानी ले पाना मुमकिन नहीं था. वहां मौजूद मरीजों ने बताया कि वे वहां गंदगी होने की वजह से पानी नहीं ले सकते. इसके अलावा जो डॉक्टर और नर्स मिलीं वह भी मास्क नहीं लगाई थीं.

3. जिला अस्पताल, हमीरपुर

हमीरपुर जिले का जिला अस्पताल कोरोना से निपटने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है. यहां एक साल से तैयार पड़े ICU में ताला बंद है और स्टाफ की तैनाती ना होने की वजह से अभी तक चालू ही नहीं हो पाया है.

आईसीयू में रखें वेंटिलेटर और मशीनें धूल फांक रहे हैं. स्वास्थ्य महकमा इसको लेकर चालू कराने को लेकर गंभीर नहीं है. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ सकता है. यहां अगर गंभीर मरीज आता है तो उसे कानपुर रेफर किया जाता है, जिससे कई बार मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं.

Hamirpur News: ऐसे में सवाल यह है कि अगर कोरोना ने फिर से अपना कहर दिखाया तो हमीरपुर के लोगों का क्या होगा.

इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस के.के. गुप्ता का कहना है कि ICU में मशीनों की कमी है. साथ ही ICU के लिए स्टाफ ही नहीं है. शासन को कई बार लिखा जा चुका है. उम्मीद है जल्द ही स्टाफ मिल जाएगा तब ICU चालू हो सकेगा.

4. जिला अस्पताल, अमरोहा

अमरोहा में जिला अस्पताल में बने पीआईसीयू कोविड-वार्ड बंद मिला. जब हमने इसका रियलिटी चेक किया तो डॉक्टर्स की टीम आनन-फानन में पीआईसीयू में पहुंची और ताले खोलकर दिखाने लगी. जब हमने डॉक्टर से बात की तो डॉक्टर ने दावा किया कि पिछले 1 साल से कोई मरीज नहीं था, इसलिए इसको बंद रखा जाता है.

फिलहाल करोड़ों रुपये की लागत से बनी इस पीआईसीयू में लगभग 5 वेंटिलेटर बेड लगाए गए हैं, पर सभी 1 साल से धूल फांक रहे हैं और तो और कपड़ों से ढक कर रखा गया है. पर जिला अस्पताल के इस कैंपस में आने वाले मरीजों ने साफ कह दिया कि इस तरह से बंद रखना गलत है और इनकी कंप्लेंट होनी चाहिए और इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.

UP Headlines: एक्टिंग सीएमएस डॉ. प्रमोद ने बताया कि पिछले 1 साल से इस वार्ड में कोई भी मरीज भर्ती नहीं किया गया है और इसलिए इस वार्ड को बंद रखा गया है. वार्ड की साफ-सफाई करने की वजह से मशीनों को ढक कर रखा गया है जबकि वार्ड में लगभग 5 वेंटिलेटर बेड लगे हुए हैं.

क्या बोले उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक?

यूपी तक ने जब मॉकड्रिल के बाद भी कई सीएचसी से ऐसी दिक्कतों का सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि मॉकड्रिल अच्छे से की गई है और कहीं भी परेशान होगी तो दिखवाया जाएगा.

UP में कोरोना संक्रमण का कोई खतरा नहीं, आपात स्थिति से निपटने को तैयार हैं: ब्रजेश पाठक

    follow whatsapp