उत्तर प्रदेश के जिला अस्पतालों में डॉक्टरों के स्वीकृत पदों के खाली होने पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि देश के अधिकतर राज्यों में डाक्टरों की कमी चिंता का विषय है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना प्रत्येक राज्य का प्राथमिक दायित्व है.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि उत्तर प्रदेश की नई सरकार अब चुनाव खत्म के बाद उपयुक्त कदम उठाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से मामले में 4 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि राज्य के सभी 75 जिलों के अस्पताल में न्यूनतम योग्यता प्राप्त चिकित्सक तो अवश्य हों.
सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लिया कि यूपी के जिला अस्पतालों में डॉक्टरों के स्वीकृत पदों में से कम से कम आधे पद खाली हैं. सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लिया कि यूपी में राज्य सरकार की ओर से 2021 में विज्ञापित डॉक्टरों के लिए 3,620 पदों में से केवल 1,881 पदों को भरे गए थे.
अभी यूपी में डॉक्टरों के 1800 पद खाली हैं. एक साल में कई डॉक्टर रिटायर भी होंगे जिससे और पद खाली होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश में सामान्य चिकित्सकों, स्त्रीरोग विशेषज्ञों, बाल रोग विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए की है.
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