पिता की हुई हत्या और लड़का बना IPS! विकास दिव्यकीर्ति के डिंपल बॉय बजरंग कैमरे पर रो पड़े

निधि तनेजा

29 May 2023 (अपडेटेड: 29 May 2023, 10:59 AM)

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में रहने वाले बजरंग यादव ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 454वीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की…

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उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में रहने वाले बजरंग यादव ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 454वीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की है. बजरंग प्रसाद यादव की कहानी संघर्षों से भरी है.

बजरंग यादव ने साल 2019 में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की थी. साल 2020 में उनके पिता की हत्या हो गई थी. पिता की हत्या ने बेटे बजरंग को अंदर से झकझोर कर रख दिया था. ऐसे में बेटे बजरंग के सिर पर यूपीएससी की परीक्षा को पास करने का जुनून सवार हो गया था. इस बार उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा क्रैक कर दी है. सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 454वीं रैंक हासिल कर बजरंग IPS बन गए हैं! तीसरे प्रयास में उन्होंने यह सफलता पाई है. बजरंग प्रसाद यादव, डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के छात्र रहे हैं.

बजरंग ने यूपीतक के सहयोगी चैनल न्यूजतक से खास बातचीत की है.

बजरंग ने बताया कि 10 मई, 2019 से उन्होंने दिल्ली में आकर यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू की. उन्होंने बताया कि दिल्ली में पढ़ाई के लिए पैसे के इंतजाम करने के लिए उनके पिता ने साल 2020 में गेहूं की फसल को बेच दिया था. 40-50 हजार रुपये में फसल की बिक्री हुई थी. यह पूरा पैसा पिता ने कोचिंग की फीस के लिए उन्हें दे दिया था.

उन्होंने बताया कि उनके पिता लोगों की मदद करते थे. पिता की सामाजिक पूंजी इतनी बड़ी थी कि हमेशा लोग उनकी मदद के लिए खड़े रहते थे. लोग पिता को उनके नैतिक चरित्र और सामाजिक उत्तरदायित्व से जानते थे.

बता दें कि बजरंग यादव के पिता राजेश यादव पेशे से किसान थे, जो गांव में खेती-किसानी के साथ-साथ गरीब और असहाय लोगों की काफी मदद करते थे. इनके पिता पर लोगों की मदद करने का जुनून इस कदर सवार था कि किसी भी गरीब का अगर कोई जमीन कब्जा कर लेता था, तो उनसे वह अकेले ही भिड़ जाते थे और उन्हें उनकी जमीन वापस दिला कर ही रहते थे.

बजरंग के पिता का इस तरह से लोगों की मदद करने का स्वभाव गांव के ही दबंगों को रास नहीं आया. साल 2020 में दबंगों ने साजिश करके उनके पिता की हत्या कर दी थी.

बजरंग ने बताया कि 9 अगस्त, 2020 को उन्हें एक फोन आया और पता चला कि दिनदहाड़े उनके पिता की हत्या कर दी गई. बस्ती को अंबेडकरनगर से जोड़ने वाले एक पुल पर पिता की हत्या की गई थी. पिता को मारने वाले वे लोग थे जो लोगों को परेशान करते थे. इन लोगों का हमारे पिता विरोध करते थे.

(बजरंग यादव का पूरा इंटरव्यू देखने के लिए ऊपर दिए गए वीडियो पर क्लिक कर देखें.)

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