UP News: बहराइच हिंसा के दौरान राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी. इस हिंसा में अध्यापक विनोद मिश्रा और उनके दिव्यांग भाई सत्यवान मिश्रा भी काफी गंभीर घायल हो गए थे. हालत को देखते हुए दोनों को लखनऊ रेफर कर दिया गया था.
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दरअसल जब विसर्जन के दौरान हिंसा हुई, उस समय ये दोनों डीजे के ठीक पीछे मौजूद थे. इन दोनों ने हर चीज अपनी आंखों से देखी. इनके सामने बहराइच का वो पूरा कांड हुआ, जिसने उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख दिया. अब इन दोनों ने घटना को लेकर कई चौंकाने वाले दावे किए हैं.
'अब्दुल हमीद का परिवार अचानक सामने आया'
विनोद मिश्रा और उनके भाई सत्यवान का कहना है कि विसर्जन के दौरान सभी जा रहे थे. जैसे ही अब्दुल के घर के बाहर आए तभी अब्दुल हमीद समेत उसका पूरा परिवार सामने आ गया. वह सभी गाना रोकने के लिए कहने लगे. मगर गाना नहीं रोका गया.
विनोद और सत्यावान के मुताबिक, ये देख अब्दुल हमीद समेत उसके परिवार के लोगों ने गालियां देनी शुरू कर दीं. मारपीट की और थप्पड़बाजी भी करने लगे. विनोद और सत्यावाद का कहना है कि ये देख ये पक्ष भी उग्र हो गया और देखते ही देखते दोनों तरफ से पत्थरबाजी होने लगी. इस पत्थरबाजी में कई मूर्तियां खंडित हुई. इस दौरान विनोद और सत्यावाद गंभीर घायल हो गए.
‘भारी संख्या में लोगों ने घेर लिया’
विनोद मिश्रा और सत्यावाद मिश्रा का कहना है कि अचानक वहां का पूरा माहौल बदल गया. चारों तरफ से भीड़ जमा हो गई. दोनों का दावा है कि इस दौरान मस्जिदों से भी ऐलान होने लगा. हर तरफ हिंसा होने लगी और मामला काफी बढ़ गया. बता दें कि इन दोनों भाइयों का कहना है कि पुलिस ने अभी तक इनकी बात नहीं सुनी है और केस भी दर्ज नहीं किया है.
बहराइच में ये हुआ था
बता दें कि बहराइच के महाराजगंज में बीते रविवार शाम को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए बवाल में राम गोपाल मिश्रा नाम के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद पूरे इलाके में हिंसा भड़क उठी थी. आक्रोशित भीड़ ने घटना के अगली सुबह जिले में जमकर उत्पात मचाया. मंगलवार और बुधवार को जिले में शांति रही. बृहस्पतिवार को महाराजगंज इलाके में भी इंटरनेट बहाल कर दिया गया. बता दें कि एसटीएफ ने 2 आरोपियों को एनकाउंटर के बाद पकड़ लिया है. कई दूसरे अहम आरोपी भी पुलिस गिरफ्त में हैं.
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