Hathras Stampede : हाथरस के रतिभानपुर में मंगलवार का दिन अमंगलकारी रहा. यहां प्रवचन करने वाले भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. इस दर्दनाक हादसे में 50 से 60 लोगों की मौत हो गई है. बता दें कि संत भोले बाबा का प्रवचन सुनने के लिए हाथरस एटा बॉर्डर के पास स्थित रतीभान पुर में बहुत बड़ी संख्या में लोग जमा थे. सत्संग पंडाल में अचानक मची भगदड़ हुई और मौत का तांडव देखने को मिला, लोग एक- दूसरे के उपर गिरते हुए चले गए.
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कौन हैं भोले बाबा
बता दें कि भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के नाम से प्रसिद्ध संत पश्चिमी यूपी में ज्यादा प्रचलित हैं. नारायण साकार हरि या साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था. पटियाली तहसील में गांव बहादुर में जन्मे भोले बाबा खुद को गुप्तचर यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) का पूर्व कर्मचारी बताते हैं. दावा है कि 26 साल पहले बाबा सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगे. भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं.
जानकारी के मुताबिक पश्चिमी यूपी के अलीगढ़, हाथरस जिलों में भी नारायण साकार हरि का कार्यक्रम हर मंगलवार को आयोजित किया जाता है. इसमें हजारों की तादाद में भीड़ उमड़ती है. इस दौरान भोले बाबा से जुड़े हजारों स्वयंसेवक और स्वयंसेविकाएं खाने पीने से लेकर भक्तों के लिए जरूरी इंतजाम करते हैं.
सीएम ने लिया संज्ञान
वहीं हाथरस की दुर्घटना पर मुख्यमंत्री ने दुःख जताते हुए गहन जांच के आदेश दिए हैं. मृतकों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश भी दिए गए हैं. कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर की जाएगी और बड़ी कार्रवाई की तैयारी में शासन में है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में हुए हादसे का संज्ञान लिया है. CM ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के संवेदना प्रति व्यक्त की है. CM ने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं और साथ ही घायलों के समुचित उपचार के दिए निर्देश हैं.
अस्पताल में लगी लाशों का ढेर
बता दें कि मंगलवार (2 जुलाई) को हाथरस स्थित रतिभानपुर में सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 50 से अधिक लोगों की जान चली गई. इसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं. हादसे के बाद हड़कंप मच गया. हालात बेहद भयावह हो गए. जैसे-तैसे घायलों और मृतकों को बस-टेंपो में लादकर अस्पताल ले जाया गया. सूचना मिलते ही डीएम और एसपी दल-बाल के साथ मौके पर पहुंच गए. जब शव एटा के अस्पताल पहुंचना शुरू हुए तो गिनती थमने का नाम नहीं ले रही थी. अस्पताल में लाशों के ढेर लग गए हैं.
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