यूपी में मदरसों के सर्वे का काम तेजी से किया जा रहा है. प्रदेश में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और एसडीएम मिलकर सर्वे कर रहे हैं. वहीं मदरसा सर्वे को लेकर उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे की समयावधि 20 अक्टूबर तक बढ़ाई गई.
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अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा सर्वे का डाटा 15 नवंबर 2022 तक शासन को उपलब्ध कराया जायेगा. प्रत्येक स्तर पर निर्धारित समयावधि में ही सर्वे कार्य पूर्ण किया जाने के निर्देश दिए गए हैं.
मंत्री धर्मपाल सिंह ने जानकारी देते हुए ये बाताया कि अब तक 6436 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे चिन्हित किए जा चुके हैं, जिनमें से 5170 मदरसों का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है. उन्होंने यह भी कहा कि मदरसों के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तायुक्त एवं बेहतर शिक्षा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इसी उद्देश्य से यह सर्वे कराया जा रहा है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में संचालित हो रहे सभी गैर-मान्यता प्राप्त निजी मदरसों के सर्वेक्षण का 31 अगस्त को आदेश दिया था. आदेश के मुताबिक 15 अक्टूबर तक सर्वे पूरा करके 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा गया था, पर इसे अब बढ़ा दिया गया है.
जानकारी के मुताबिरक उत्तर प्रदेश में इस वक्त लगभग 16 हजार निजी मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनमें विश्व प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवतुल उलमा और दारुल उलूम देवबंद भी शामिल हैं.वहीं योगी सरकार के मदरसे सर्वे को लेकर काफी तरह के कयास भी लगाए. इसे लेकर छह सितंबर को दिल्ली में जमीयत-उलमा-ए-हिंद की एक बैठक भी हुई थी, जिसमें कहा गया था कि अगर सरकार सर्वे करना चाहती है तो करे, लेकिन मदरसों के अंदरूनी मामलों में कोई दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए.
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