अयोध्या: योगी सरकार ने जमीन खरीद से जुड़े विवाद की जांच के आदेश दिए, विपक्ष है हमलावर

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जमीन खरीद को लेकर कथित तौर पर गड़बड़ी और अनियमितता के आरोप सामने आने के बाद यूपी सरकार ने बड़ा…

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जमीन खरीद को लेकर कथित तौर पर गड़बड़ी और अनियमितता के आरोप सामने आने के बाद यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं.

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अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री के आदेश पर जांच बैठाई है. विशेष सचिव राजस्व जमीन खरीद मामले को लेकर जांच करेंगे और शासन को एक हफ्ते में रिपोर्ट सौप देंगे. गौरतलब है कि अयोध्या में जमीन खरीद विवाद मामले में कई नेताओं और अधिकारियों के परिजनों का नाम सामने आया है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद वहां जमीन खरीद को लेकर एक नया विवाद सामने आया है.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या के भूमि सौदों से जुड़ा लेन-देन का एक सेट हितों के टकराव और औचित्य से जुड़े गंभीर सवाल उठाता है. कम से कम चार खरीदार, दलित निवासियों से भूमि के ट्रांसफर में कथित अनियमितताओं के लिए विक्रेता की जांच कर रहे अधिकारियों के करीबी संबंधी हैं.

लेन-देन के इस नेटवर्क के केंद्र में महेश योगी की ओर से स्थापित महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट (MRVT) है, जिसने 1990 के दशक की शुरुआत में, राम मंदिर स्थल से 5 किलोमीटर से भी कम दूर बरहटा मांझा गांव और अयोध्या में आसपास के कुछ अन्य गांवों में बड़े पैमाने पर जमीन का अधिग्रहण किया था. इस जमीन में से लगभग 21 बीघा जमीन कथित तौर पर दलितों से नियमों का उल्लंघन करते हुए खरीदी गई थी.

विस्तार से इस रिपोर्ट को पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें-

अयोध्या में जमीन खरीद पर फिर विवाद, मीडिया रिपोर्ट में नेता-अफसरों के नाम, तेज हुई सियासत

जमीन खरीद विवाद मामले में जारी सियासत

इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट पर सियासत भी तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी (एसपी) और कांग्रेस ने बीजेपी और योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है.

एसपी ने ट्वीट कर कहा, ”अयोध्या में BJP के मेयर, MLA, MP में लगी जमीन खरीदने की होड़ छीन रही दलितों का हक! गैर कानूनी रूप से दलितों से जमीन की खरीद की जांच उन्हीं के द्वारा की जा रही है जिनके रिश्तेदारों ने जमीन खरीदी थी. ये है भ्रष्टाचार पर 0 टॉलरेंस का दावा करने वाले CM का सच! जनता देगी जवाब.”

वहीं कांग्रेस ने इसे जमीन की लूट बताया. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘पहले मंदिर के नाम पर चंदे की लूट की गई और अब संपत्ति बनाने की लूट हो रही है. साफ है कि भाजपाई अब रामद्रोह कर रहे हैं. जमीन की सीधे लूट मची हुई है. एक तरफ आस्था का दीया जलाया गया और दूसरी तरफ बीजेपी के लोगों द्वारा जमीन की लूट मचाई गई है.’’

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