UP Constable Bharti 2024: उत्तर प्रदेश में 17 और 18 फरवरी को आयोजित हुई यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर बवाल मचा हुआ है. जगह-जगह अभ्यर्थी पेपर लीक होने का आरोप लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इस बीच अभ्यर्थी इस परीक्षा को फिर से आयोजित करवाने की सरकार से मांग कर हैं. इसी कड़ी में यूपी Tak के सहयोगी न्यूज Tak ने प्रतापगढ़ के युवाओं से खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान युवाओं का जमकर गुस्सा फूटा. एक युवा ने कहा, "जिनके पास पैसा है वो तो आगे बढ़ जा रहे हैं, हम मेहनत करने वाले क्या करें?"
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आपको बता दें कि प्रतापगढ़ के अभ्यर्थी कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक पेपर लीक मामले की अपनी बात पहुंचाने के लिए सड़क पर उतरे थे. इस दौरान एक युवा ने कहा, "पेपर से चार से पांच घंटे पहले से आंसर-की के साथ प्रश्न पत्र आ गया था. कुछ लोगों के पास पैसे देकर पेपर आ गया. हम लोगों ने जो मेहनत की वो सब व्यर्थ है...हमारी कोई बात ही नहीं सुनना चाहता है."
एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा, "अगर पैसा ही देना था तो हम पैसा ही देकर पास हो जाते. हमारे पास पैसा नहीं है...हम मेहनत करके परीक्षा पास करना चाहते हैं. अगर आज हमारे पास पैसा नहीं है तो क्या हम नौकरी नहीं पाएंगे?"
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि 17 फरवरी को दूसरी शिफ्ट में होने वाला पेपर पहली शिफ्ट के दौरान ही लीक हो गया था. एक अभ्यर्थी ने दावा करता हुए कहा कि दूसरी शिफ्ट का प्रश्न पत्र उसने एग्जाम शुरू होने से पहले ही देख लिया था.
एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा, "मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि एक गरीब कॉन्स्टेबल की नौकरी नहीं कर सकता है क्या? मैं पिछले तीन साल से तैयारी कर रहा था. मैंने बहुत अच्छे से तैयारी की थी. मैं पिछले दो महीने से सही तरीके से सोया भी नहीं हूं. इसका न्याय कौन देगा?"
भर्ती बोर्ड ने लिया ये निर्णय
आपको बता दें कि यूपी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा को रद्द कर नए सिरे से कराए जाने की मांग की जा रही है. इस बीच पेपर लीक होने के दावों को लेकर यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने बड़ा ऐक्शन ले लिया है. सोशल मीडिया पर पेपर लीक की खबरों की जांच के लिए भर्ती बोर्ड ने इंटरनल जांच कमेटी बैठा दी है. भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा ने यूपी Tak से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है. जानकारी के मुताबिक पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर जो समस्याएं साझा की हैं, उनकी जांच के लिए बोर्ड ने इंटरनल कमेटी गठित की है.
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