Kannauj News: इन दिनों उत्तर प्रदेश में एक बदमाश के नाम की खूब चर्चा है. इस बदमाश का नाम है अशोक उर्फ मुन्ना यादव. यह वही बदमाश है, जिसने कन्नौज में सिपाही सचिन राठी की गोली मारकर हत्या की थी. बता दें कि पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर मुन्ना को पकड़ने गई थी. मगर उल्टा मुन्ना ने ही पुलिस पर अपने बेटे के साथ मिलकर हमला बोल दिया. इसी वारदात में सिपाही सचिन की मौत हुई. इस बीच बदमाश मुन्ना से जुड़ीं कुछ विस्फोटक जानकारियां सामने आई हैं, इन्हें आप एक-एक कर खबर में जानिए.
ADVERTISEMENT
अपराध की दुनिया में कैसे आया मुन्ना?
आपको बता दें कि अशोक उर्फ मुन्ना यादव बचपन से ही खुराफाती था. मुन्ना गांव में अपना वर्चस्व काम रखना चाहता था. इसी वर्चस्व को लेकर उसकी गांव के ही सोवरन यादव से रंजिश हो गई थी. इसी रंजिश के चलते मुन्ना ने 5 सितंबर 1998 को पहला कत्ल कर दिया था. इसके बाद सोवरन यादव के परिवार के लोगों ने ठीक 42 दिन बाद मुन्ना के भाई का मर्डर कर दिया.
इसके बाद अशोक यादव ने 2005 में सोवरन यादव के भाई का मर्डर कर दिया और फिर अशोक यादव उर्फ मुन्ना अपराध जगत में आगे बढ़ता चला गया. धीरे-धीरे उसके ऊपर करीब 20 मुकदमे पुलिस फाइल में दर्ज हो गए. विशुनगढ़ पुलिस में उसकी पहचान हिस्ट्रीशीटर 40 ए के रूप में है.
करीब 3.50 बीघा में है मुन्ना का मकान
विशुनगढ़ थाने से एक किलोमीटर की दूरी पर सबसे पहले धीरपुर पड़ता है. उससे 300 मीटर की दूरी पर नगरिया है. उसके बाद 200 मीटर की दूरी पर धरनी गांव है. हिस्ट्रीशीटर मुन्ना नगरिया गांव का निवासी है. पहले उसका मकान गांव के अंदर था. बाद में उसने गांव से 100 मीटर की दूरी पर खेत में ही 5000 स्क्वायर फीट से ज्यादा क्षेत्रफल में नया मकान बनाया. मिली जानकारी के अनुसार, मुन्ना ने अपना घर उस हिसाब से बनाया था कि बाहर से आने वाले लोगों की वह निगरानी कर सके. उसने घर के बाहर सीसीटीवी कैमरा भी लगाया था, जो अब फूट गया है. घर की चारदीवारी पर उसने छोटे-छोटे जंगले निगरानी के लिए बनाए थे.
घर से बरामद हुआ असलहों का जखीरा
मुन्ना को गिरफ्तार करने के बाद उसके घर की तलाशी के दौरान पुलिस को वहां से असलहों का जखीरा मिला. पांच तमंचे, एक डबल बैरल और एक रायफल भी बरामद हुई है.
ADVERTISEMENT