Mangesh Yadav Encounter Update: एक लाख रुपये के इनामी बदमाश मंगेश यादव का एनकाउंटर उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. कई राजनीतिक दल और मानवाधिकार संगठनों ने इस एनकाउंटर पर गंभीर सवाल उठाए हैं. इस एनकाउंटर के बाद एसटीएफ की आलोचना इसलिए हो रही है क्योंकि विपक्षी दलों का आरोप है कि यह मुठभेड़ पूर्व नियोजित थी और पुलिस ने मंगेश यादव को बिना किसी वैध कानूनी प्रक्रिया के मार डाला. वहीं, इस मामले में अब एक नया झोल सामने आया गया है. दरअसल, STF का दावा है कि 28 अगस्त को सुल्तानपुर के ज्वैलरी शोरूम में मंगेश ने डकैती डाली थी. मगर दूसरी तरफ मंगेश के परिजनों ने एक अलग ही कहानी बताई है. खबर में अब आप तफ्सील से पूरा मामला जानिए.
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क्या है STF और मंगेश की परिजन का दावा?
यूपी एसटीएफ का दावा है कि मंगेश यादव ने 28 अगस्त को सुल्तानपुर के एक ज्वैलरी शोरूम में अपने साथियों के साथ लूटपाट की थी. यह घटना दोपहर 12:15 बजे की बताई गई है. वहीं, मंगेश के परिवार का कहना है कि उस दिन मंगेश सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक अपनी बहन के साथ था. परिवार के मुताबिक, मंगेश अपनी बहन के स्कूल में फीस जमा करने गया था, जिससे वह लूट में शामिल नहीं हो सकता. इस विरोधाभास के कारण मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल उठ रहे हैं, और परिवार ने इस घटना की जांच की मांग की है.
2 सितंबर को 50000, 4 को 1 लाख का इनाम घोषित और 5 को मंगेश का एनकाउंटर
मालूम हो कि गुरुवार (5 सितंबर) की सुबह STF ने मंगेश यादव को एनकाउंटर में मार गिराया था. पुलिस सूत्रों मिली जानकारी के अनुसार, 2 सितंबर को IG रेंज (अयोध्या) प्रवीण कुमार के यहां से मंगेश यादव के ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित हुआ. फिर 4 सितंबर को ADG जोन लखनऊ एसबी शिरोडकर के यहां से कुल 10 बदमाशों पर 1-1 लाख का इनाम घोषित हुआ, जिनमें मंगेश का नाम भी शामिल था.
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