मथुरा: निधिवन मंदिर में ‘भगवान कृष्ण की लीला’ कैद करने के लिए युवक ने बनाई वीडियो, अरेस्ट

भाषा

• 03:57 AM • 15 Nov 2021

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में वृन्दावन में स्थित बांके बिहारी की प्राकट्य स्थली और उनके प्रकटकर्ता संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास की तपस्थली के नाम…

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उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में वृन्दावन में स्थित बांके बिहारी की प्राकट्य स्थली और उनके प्रकटकर्ता संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास की तपस्थली के नाम से जाने जाने वाले ‘निधिवन राज’ मंदिर स्थल का रात में वीडियो बनाकर वहां की मान्यता को झुठलाने संबंधी प्रयास करने के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

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बता दें कि इस संबंध में पुलिस ने मंदिर के सेवायत रोहित कृष्ण ने अज्ञात के खिलाफ 13 नवंबर को भादवि की धारा 295 (ए) और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया था. तभी से वृन्दावन के अनेक धार्मिक और सामाजिक संगठन उसके इस कृत्य पर अत्यधिक रोष व्यक्त कर रहे थे.

कोतवाली प्रभारी विनय कुमार मिश्र ने बताया, इस मामले में अभियुक्त गौरव शर्मा मूलत अलीगढ़ का रहने वाला है. इन दिनों वह दिल्ली के मालवीय नगर क्षेत्र में रहता है और उसे वहीं से गिरफ्तार कर मथुरा लाया गया और मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के बाद जिला कारागार भेज दिया गया है.

कोतवाली प्रभारी ने बताया कि आरोपी ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि वह बीते पांच साल से दिल्ली में ही रहकर एक यू-ट्यूब चैनल चलाता है और अच्छा-खासा कमा लेता है. वह छह नवंबर को मथुरा में महोली रोड स्थित अपने चाचा राजकुमार के यहां आया था.

उसने बताया कि उसे उसके चचेरे भाई प्रशांत ने बातों-बातों में बताया कि वृन्दावन में एक ऐसा स्थान है जहां प्राचीन मान्यता है कि रात में भगवान स्वयं लीला करने आते हैं और कोई भी व्यक्ति वहां रात में रुक नहीं सकता है. ऐसा करने पर मंदिर की ओर से प्रतिबंध है, क्योंकि यदि कोई व्यक्ति वहां रुकने का प्रयास करता है तो वह या तो मर जाता है या विक्षिप्त हो जाता है.

आरोपी ने बताया कि इसके बाद उसने प्रशांत व उसके मित्रों मोहित, अभिषेक व एक अन्य के साथ रात में वहां जाने और निधिवन का वीडियो बनाने का प्रयास किया. उसने बताया कि वे सभी मध्य रात को कार से वहां पहुंचे और गौरव के साथ प्रशांत और मोहित मंदिर परिसर की दीवार फांद कर अंदर प्रवेश कर गए. अभिषेक और पांचवां लड़का गाड़ी में ही बैठे रहे थे. पुलिस ने बताया कि गौरव द्वारा अपने मोबाइल फोन से वीडियो बनाने के बाद करीब 15-20 मिनट में वे सभी वहां से वापस आ गए.

कोतवाली प्रभारी ने बताया कि इसके बाद दिल्ली पहुंचकर गौरव ने 9 नवंबर को वह वीडियो अपने यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड कर दिया, लेकिन जब 13 नवंबर को उसे पता चला कि इस मामले में मुकदमा दर्ज हो गया है, तो उसने तुरंत वह वीडियो न केवल चैनल से हटा दिया, बल्कि अपने मोबाइल फोन से भी डिलीट कर दिया.

इस बीच मामला गर्माने पर पुलिस सक्रिय हुई और सर्विलांस और यू-ट्यूब चैनल के आईपी एड्रेस के माध्यम से गौरव के ठिकाने का पता लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया. मिश्रा का कहना है कि चार अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है.

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