उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में कथित तौर पर अवैध संबंध बनाने के मामले में एक युवक को गोली मार दी गई. गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस ने इस मामले में एक मुख्य आरोपी, उसके साथ वकील और तीन हमलावरों को गिरफ्तार किया है.
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, वाराणसी में बीते 1 मई को डीएवी डिग्री कॉलेज के मैदान में क्रिकेट कोच को सिर्फ इसलिए गोली मारी गई थी क्योंकि उसने कॉलेज की चपरासी की पत्नी के साथ लंबे समय तक अवैध संबंध बना रखा था. यह बात महिला के बेटे को नागवार गुजरी थी, जिसकी वजह से प्रतिशोध की आग में लगभग दो दशकों से जल रहे बेटे ने भाड़े के अपराधियों और असला तस्कर को हायर करके क्रिकेट कोच को मौत के घाट उतारने के लिए उसपर हमला कर दिया था. इस हमले में पीड़ित गंभीर घायल हो गया.
मामले में वाराणसी के अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय एवं अपराध संतोष सिंह ने खुलासे का दावा किया है.
उन्होंने बताया कि क्रिकेट कोच पर हमले में मुख्य भूमिका में रामजी दुबे है, जो वाराणसी के हुकूलगंज में रहता है. रामजी दुबे के पिता डीएवी कॉलेज में चपरासी थे. जहां यह घटना हुई है. प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि क्रिकेट कोच को इसलिए गोली मारी गई क्योंकि राम जी दुबे को यह आशंका थी कि उनकी मां के साथ क्रिकेट कोच रामलाल यादव ने अवैध संबंध बनाए थे. जिसको लेकर लगभग 2 दशक से भी ज्यादा वक्त से रामजी दुबे प्रतिशोध लेना चाहता था.
संतोष सिंह ने आगे बताया कि रामजी दुबे की मां को मरे 8 साल का वक्त बीत चुका है, लेकिन क्रिकेट कोच रामलाल यादव एक दबंग प्रवृत्ति का आदमी है. जिसकी वजह से चपरासी का बेटा राम जी दुबे कतराता था इसी वजह से रामजी दुबे ने दो-ढाई लाख रुपए जुटाकर वकील मनीष सिंह, जो एक वकील होने के साथ असलहा तस्कर भी है और वह कई आपराधिक गिरोह के साथ भी रहे हैं. रामजी दुबे ने मनीष सिंह की मदद लेकर असलाहा और गोलियां मंगा ली.
उन्होंने बताया कि इस गोलीबारी में वरुणापार इलाके के कुछ गंजेड़ियों को हायर किया गया. घटना को अंजाम देने के पहले बहुत ही सुनियोजित ढंग से प्लानिंग की गई. क्रिकेट कोच को गोली मारने में कुल 3 राउंड फायर हुआ था, जिसमें एक गोली उनको लगी थी. इस प्रकार सर्विलांस टीम और सीसीटीवी कैमरे से पांचों अभियुक्तों को असलहो के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है.
संतोष सिंह ने बताया कि जिस ऑटो रिक्शा से यह सभी भागे थे उसको भी बरामद कर लिया गया है. इस घटना के अनावरण के लिए लगी हुई पुलिस टीम को 25 हजार पुरस्कार राशि भी दिया गया है.
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