UP News: उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और राहुल गांधी के हाथों मिली करारी शिकस्त के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार एक्टिव हो गई है. आज राजधानी लखनऊ में सीएम योगी ने मंत्रिमंडल के साथ अहम बैठक की है. इस बैठक पर सभी की नजर थी. मगर अब खबर सामने आई है कि उत्तर प्रदेश सरकार के दोनों डिप्टी मुख्यमंत्री इस बड़ी और अहम बैठक में मौजूद नहीं थे.
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मिली जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी ने लखनऊ में अपने मंत्रिमंडल के साथ अहम और बड़ी बैठक की थी. मगर इस बैठक में योगी सरकार के दोनों डिप्टी सीएम ही मौजूद नहीं थे. केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के इस बैठक में नहीं आने से अब चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. दरअसल जिस तरह से लोकसभा चुनावों में यूपी में भाजपा को हार मिली है, उसने अंदरखाने भाजपा में हड़कंप मचा दिया है. यहां तक की अयोध्या सीट तक भाजपा गंवा बैठी है. यूपी ने ही भाजपा को बहुमत के जादुई आंकड़े 272 से दूर कर दिया है. भाजपा नीत एनडीए को यूपी में 36 सीट ही मिली तो वही विपक्षी गठबंधन को 43 सीट मिली. ऐसे में अब मोदी सरकार 3.0 अपने एनडीए सहयोगियों पर निर्भर है, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू अहम हैं.
दोनों डिप्टी सीएम क्यों नहीं पहुंचे सीएम योगी की बैठक में?
सीएम योगी की इस बड़ी बैठक में एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी पहुंचे. आशीष पटेल, ओम प्रकाश राजभर, संजय निषाद, अनिल कुमार को भी बैठक में देखा गया. मगर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक इस बैठक में नहीं दिखे.
मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों डिप्टी सीएम कल यानी शुक्रवार दिल्ली में थे. दोनों एनडीए के कार्यक्रम में भी दिखे थे. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के बारे में बताया जा रहा है कि वह ऋषिकेश जा रहे हैं. मगर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बैठक में क्यों नहीं आए? इसकी अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है.
जयंत भी आए थे सुर्खियों में
दरअसल भाजपा बहुमत से दूर हैं और वह अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती है. ऐसे में भाजपा को सहयोगी दलों की जरूरत है. इसी बीच बीते शुक्रवार जयंत चौधरी भी अचानक चर्चाओं में आ गए थे. दरअसल पुराने सांसद भवन में हुए एनडीए की बैठक में रालोद चीफ जयंत चौधरी को मंच पर जगह नहीं मिली. वह भाजपा के वरिष्ठ सांसदों के बीच ही बैठे दिखे मिले. इसी को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और सपा नेताओं ने इसे जयंत और किसानों का अपमान बताना शुरू कर दिया. फिलहाल यूपी की सियासत पर सभी की नजर बनी हुई है.
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