चुनाव नतीजों के बाद यूपी विधानसभा में सपा नेता के नाम पर लगी काली पट्टी, एक्शन की तैयारी में अखिलेश!

यूपी तक

12 Jun 2024 (अपडेटेड: 12 Jun 2024, 03:00 PM)

Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सपा के बागी विधायकों पर कार्रवाई की बात सामने आ रही है, जिसका इशारा बुधवार को यूपी विधानसभा में दिखा. 

akhilesh yadav

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Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा. यहां समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. इस लोकसभा चुनाव में सपा ने 37 सीटों पर जीत हासिल की और कांग्रेस को आठ सीटें जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 2019 के चुनाव में सपा के पास महज पांच सीटें ही थीं. वहीं नतीजों के बाद सपा के बागी विधायकों पर कार्रवाई की बात सामने आ रही है, जिसका इशारा बुधवार को यूपी विधानसभा में दिखा. 

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नामप्लेट पर लगी काली पट्टी

बता दें कि यूपी विधानसभा में सपा बागी विधायक मनोज पांडे के नाम पर काली पट्टी चिपकाई गई. विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक नेमप्लेट पर काली पट्टी लगा दी गई है. गौरतलब है कि विधानसभा में मनोज पांडे सपा के मुख्य सचेतक थे जो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए. 

लखनऊ: सपा के बागी विधायक मनोज पांडे के नाम के सामने काली पट्टी चिपकाई गई।

विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक थे मनोज पांडेय।#ManojPandey #UttarPradesh #Lucknow pic.twitter.com/udskvL9gv0

— UP Tak (@UPTakOfficial) June 12, 2024

सपा कर सकती है कार्रवाई

मनोज पांडेय 2022 में लगातार तीसरी बार विधायक बने. वह रायबरेली की ऊंचाहार सीट से तीसरी बार विधायक हैं. जानकारी के मुताबिक सपा अब  दलबदल कानून के तह मनोज पांडेय के खिलाफ कार्रवाई कर उनकी विधायकी खत्म कर सकती है. लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मनोज पांडे नाम लिए बगैर जुबानी हमला किया था. सपा प्रमुख ने जुबानी हमला करते हुए उन्हें धोखेबाज तक बताया था. 

लोकसभा चुनाव से पहले बदला था पाला

गौरतलब है कि फरवरी 2024 में राज्यसभा चुनाव के दौरान मनोज पांडेय ने बीजेपी को समर्थन किया था. तब उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया था. हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं. रायबरेली में जन्मे मनोज पांडेय 2012 के विधानसभा में पहली बार चुनाव जीते. इसके बाद अखिलेश सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था. साल 2017, 2022 में भी चुनाव लड़ा और इसमें भी बड़े अंतर से उन्होंने जीत दर्ज की थी. अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले मनोज पांडे ने राज्यसभा चुनाव से पहले पाला बदला तो उस दौरान सपा की काफी किरकिरी हुई थी. 

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