Jaunpur Lok Sabha Exit poll 2024: जौनपुर का एग्जिट पोल, सपा के बाबू सिंह कुशवाहा सबपर भारी? 

राजकुमार सिंह

• 06:44 PM • 01 Jun 2024

Jaunpur Lok Sabha exit poll 2024: यूपी समेत देशभर की लोकसभा सीटों पर वोटिंग समाप्त होने के बाद अब Lok Sabha Election 2024 के Exit poll सामने आ गए हैं.

Jaunpur lok sabha exit poll 2024

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Jaunpur Lok Sabha exit poll 2024: यूपी समेत देशभर की लोकसभा सीटों पर वोटिंग समाप्त होने के बाद अब Lok Sabha Election 2024 के Exit poll सामने आ गए हैं. हम यहां आपको जौनपुर (Jaunpur Lok Sabha seat) लोकसभा सीट पर हुई वोटिंग के बाद यहां के स्थानीय पत्रकारों का एग्जिट पोल बता रहे हैं. इस सीट पर बीजेपी ने कृपाशंकर सिंह को टिकट दिया है. कृपाशंकर सिंह कांग्रेस से बीजेपी में आए थे. सपा ने यहां से दिग्गज नेता बाबू सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया. यहां से बसपा ने पहले बाहुबली नेता धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को उम्मीदवार बनाया. बाद में श्रीकला का टिकट कट गया और धनंजय सिंह ने बीजेपी उम्मीदवार कृपाशंकर सिंह को समर्थन देने का ऐलान कर दिया. पर क्या इस समर्थन के बावजूद सपा और इंडिया गठबंधन प्रत्याशी बाबू सिंह कुशवाहा भारी पड़ रहे हैं? आइए यहां से पत्रकारों का एग्जिट पोल जानते हैं.

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पत्रकार राजेश श्रीवास्तव कहते हैं, 'जौनपुर में जैसा वोटों का बिखराव हुआ है. बसपा का वोट कुछ सपा और कुछ भाजपा को गया है. भाजपा और सपा में कांटे की टक्कर दिख रही है. लीडिंग पोजिशन किसकी है, अभी ये बात कही नहीं जा सकती. बसपा के वोट दोनों पार्टियों में ट्रांसफर हुए हैं. भाजपा के परंपरागत मौर्य वोटर्स और अन्य ओबीसी मतदाता सपा की तरफ ही गए हैं. इसलिए ये कह सकते हैं कि सपा भारी नजर आ रही है. 2019 में यहां सपा-बसपा मिलकर चुनाव लड़ी थी, तो 80 हजार के वोटों से गठबंधन जीता था. इस बार ऐसा नहीं है. चुनाव के एक दिन पहले बसपा के मतदाताओं के अंदर संविधान बचाओ के नारे ने काम किया और सपा की तरफ अधिकतर वोट चला गया.'

‘बीजेपी में इस बार भीतरघात हुआ’

पत्रकार विजय प्रकाश मिश्रा कहते हैं, 'मतदान की गति यहां धीमी रही. पिछली बार से वोटिंग कम हुई. वोटर्स में उत्साह नहीं रहा. बीजेपी और सपा, दोनों में बाहर से प्रत्याशी आए. बीजेपी में इस वजह से भीतरघात हुआ है. सपा के मतदाताओं में कुछ ऐसे मतदाता प्लस हुए हैं, जो उनके मतदाता नहीं कहे जाते. बसपा के कैंडिडेट बदलने का भी असर पड़ा है. सपा और भाजपा के बीच में ही कड़ी टक्कर है. ई्मानदारी से कहा जाए तो मान लिया जाए कि भाजपा भीतरघात की वजह से इस सीट को हार चुकी है. सपा एक लाख से अधिक मतों से चुनाव जीत रही है. गर्मी, कैंडिडेट की नाराजगी और भीतरघात की वजह से बीजेपी हारेगी.'

‘भाजपा और सपा में फाइट लेकिन सपा पड़ रही बीस’

सुधाकर शुक्ला, 'यहां भाजपा और सपा में फाइट है लेकिन सपा बीस नजर आ रही है. इसके पीछे कई कारण हैं. बीजेपी जैसा करती थी, उसी तरह सपा ने ढंग से चुनाव जीता है. बीजेपी के आश्वासन पूरे नहीं होने से भाजपा से लोग नाराज दिखे. अन्य पिछड़ा वर्ग और दलितों के वोट सपा को ट्रांसफर हुए हैं. बसपा का एक फैक्टर है. बसपा चुनाव से बाहर है. बसपा ने जैसे कैंडिडेट बदला मतदाताओं का रुझान कम हुआ. बसपा के मतदाता रातों रात छिटक गए. ज्यादा संख्या में सपा की ओर गए.'

‘बसपा का वोट जो ले जाएगा जीत उसी की होगी’

बृजेश मिश्रा कहते हैं, 'यहां भाजपा और सपा में कांटे की टक्कर है. हार-जीत का अंतर मामूली रहने वाला है. पिछली बार सपा और बसपा मिलकर चुनाव लड़े थे. इस बार दोनों अलग लड़े हैं. बसपा कमजोर दिख रही है. बसपा का कैडर वोट जिधर भी खिसकेगा जीत उसकी होगी. वोटर साइलेंट रहा है इस बार. बसपा के कोर वोटर को भांपना मुश्किल है.'

‘जौनपुर से निकलती दिख रही इंडिया गठबंधन की सीट’

संतोष राय कहते हैं, 'जौनपुर में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी की सीट निकलती दिख रही है. सपा मजबूती से लड़ी है यहां चुनाव. सपा के साथ नए वोटर्स मजबूती के साथ जुड़े हुए हैं. बाबू सिंह कुशवाहा की सीट निकलती नजर आ रही है. बीजेपी में टिकट को लेकर अनबन थी. यहां अंदरुनी घात हुआ है.'

जौनपुर लोकसभा चुनाव 2019 का नतीजा

पार्टी प्रत्याशी वोट
भाजपा कृष्ण प्रताप सिंह 500,543
सपा+बसपा श्याम सिंह यादव 4,40,192
कांग्रेस  देवव्रत मिश्रा 27,185
हार-जीत का अंतर   80,936

 

नोट: यह महज एग्जिट पोल और पत्रकारों के आकलन का दावा है. 4 जून को इस सीट पर नतीजे इससे अलग भी हो सकते हैं.

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