Uttar Pradesh News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इस बार लोकसभा चुनाव में चुनौती देने के लिए महामंडलेश्वर हिमांगी सखी भी सामने आ गई हैं. हिमांगी सखी वाराणसी लोकसभा सीट से अखिल भारत हिन्दू महासभा की घोषित उम्मीदवार हैं. बीते 27 मार्च को महासभा की उत्तर प्रदेश इकाई के द्वारा उत्तर प्रदेश की 20 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हुई थी. जिसमें वाराणसी संसदीय क्षेत्र से किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का भी नाम शामिल था. वाराणसी से चुनाव लड़ने वाली हिमांगी सखी ने बताया कि वह किन्नरों के हक के लिए मैदान में उतरी हैं, हालांकि वह पहले कभी चुनाव नहीं लड़ी है.
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कौन हैं किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी
देश में होने वाले लोकसभा चुनाव में सबसे अंतिम सातवें चरण के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मतदान होना है. बिल्कुल अंतिम दौर में होने वाले चुनाव के बावजूद भी अभी से वाराणसी संसदीय क्षेत्र को लेकर चुनावी हलचल और लोगों की दिलचस्पी बढ़ती चली जा रही है. किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी वाराणसी से नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी है. अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से हिमांगी सखी वाराणसी से चुनाव लड़ने वाली है. इस बारे में और ज्यादा जानकारी महासभा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी ने दी.
पीएम मोदी से होगा मुकाबला
यूपी तक से खास बातचीत में ऋषि कुमार त्रिवेदी ने बताया कि, 'इसके पहले भी महासभा की ओर से बीते विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में उनके प्रत्याशी उतर चुके हैं. हालांकि वाराणसी के दक्षिणी से उतरने वाली गीता रानी और उत्तरी विधानसभा से जया श्रीवास्तव दोनों के ही नामांकन को चुनाव आयोग ने फार्म में त्रुटि पाते हुए कैंसिल कर दिया था. इस बार ऐसा फिर लोकसभा चुनाव में बागपत से खड़े होने वाली उनकी प्रत्याशी पूजा श्रीवास्तव और गाजियाबाद से रणवीर चौधरी के साथ भी ऐसा ही हुआ है.' उन्होंने बताया कि बीते 27 मार्च को उत्तर प्रदेश की 20 सीटों पर उनके महासभा की ओर से प्रत्याशियों के नाम की घोषणा हुई है. जिसमें वाराणसी से किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का नाम भी शामिल है. उन्होंने आगे बताया कि अब तक उत्तर प्रदेश से 24 सीटों पर उनकी पार्टी के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हो चुकी है.
ऋषि त्रिवेदी ने बताया कि वाराणसी से हिमांगी सखी जी की खुद चुनाव लड़ने की इच्छा थी और वह बाबा विश्वनाथ की भक्त भी हैं. इसलिए उनको वहीं से चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया गया है और आगामी 12 अप्रैल को वे वाराणसी पहुंचकर बाबा विश्वनाथ का भी आशीर्वाद लेंगी. उन्होंने बताया कि उनके संगठन ने राम जन्मभूमि आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है और मुख्य पक्षकार भी रही है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हिंदू महासभा को नकार दिया और ट्रस्ट में शामिल करना है तो दूर की बात थी. उन्होंने बताया कि हिंदू जनमानस को जागृत करना ही उनके संगठन का मकसद है. जबकि यह सरकार हिंदू और सनातन के नाम पर लोगों का वोट लेती है.
इस मुद्दे पर लेंड़ेगी चुनाव
वही खास बातचीत में वाराणसी से अखिल भारत हिंदू महासभा की घोषित उम्मीदवार हिमांगी सखी ने बताया कि, 'वह पहली बार किन्नर समाज के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं. वे चाहती हैं कि लोकसभा और विधानसभा में किन्नरों के लिए सीटे आरक्षित हो और किन्नर समाज भी अपनी बात रख सके. आज भी किन्नर समाज भीख मांगकर या तो फिर वेश्यावृत्ति से जुड़कर अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए मजबूर है. सरकार ने किन्नर समाज को आगे बढ़ाने के लिए किसी तरह का मार्ग प्रशस्त नहीं किया है. उन्होंने आगे बताया कि वह आगामी 12 अप्रैल को वे काशी आएंगी और बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद मीडिया से भी मुखातिब होगी.'
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