बिजनौर में मायावती ने कर दिया RLD-BJP के साथ खेल! उतारा जाट प्रत्याशी तो यूं बिगड़ा समीकरण

संजीव शर्मा

13 Mar 2024 (अपडेटेड: 13 Mar 2024, 11:44 AM)

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी की पूर्व सीएम मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बिजनौर सीट से चौधरी विजेंद्र सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है.

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UP Political News: आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी की पूर्व सीएम मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बिजनौर सीट से चौधरी विजेंद्र सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि मेरठ के जलालपुर गांव के रहने वाले चौधरी विजेंद्र सिंह ने हाल ही में लोकदल (हल जोतता किसान) से राष्ट्रीय सचिव के पद से इस्तीफा दिया था. तभी से उनके समाजवादी पार्टी (सपा) या बसपा में जाने के कयास लगाए जा रहे थे. विजेंद्र सिंह लोकदल से जुड़े रहने के दौरान भी बिजनौर में चुनाव की तैयारी कर रहे थे. यहां पर उनके द्वारा लोकदल का एक कार्यालय भी खोला गया था. मगर कुछ ही दिनों में चौधरी विजेंद्र सिंह की 'आस्था' बदल गई और उन्होंने लोकदल को छोड़ते हुए बसपा का दामन थाम लिया.

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इस कार्यक्रम में आए बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शमसुद्दीन राइन ने खुले मंच से बिजनौर लोकसभा के लिए विजेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया. उन्होंने कहा कि वह मायावती के आदेश पर चौधरी विजेंद्र सिंह को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित कर रहे हैं. उनके नाम की विधिवत घोषणा अन्य प्रत्याशियों के नाम के साथ की जाएगी.

 

 

बसपा के जाट कार्ड से बढ़ी भाजपा की मुश्किलें?

बिजनौर सीट मायावती की खुदकी अपनी सीट रही है. वह 1989 में इस सीट से सांसद रह चुकी हैं. मगर अब मायावती ने बिजनौर लोकसभा सीट पर जाट कार्ड खेल कर भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) से गठबंधन करते हुए जाट समाज को जोड़ने के लिए बिजनौर लोकसभा सीट रालोद को दे दी थी. रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने बिजनौर लोकसभा सीट पर मीरापुर से विधायक और गुर्जर समाज से जुड़े चंदन चौहान को अपना प्रत्याशी घोषित किया था.

इसके पीछे पार्टी का मानना था कि जयंत चौधरी के नाम पर जाट समाज उनके प्रत्याशी के साथ जुड़ जाएगा और गुर्जर समाज खुद को चंदन चौधरी से जोड़ेगा, जिससे जीत आसान हो जाएगी. मगर मायावती ने जाट कार्ड खेलकर दलित और जाट गठजोड़ बनाने की कोशिश कर समस्या बढ़ा दी है. अब जाट समाज का वोट दो जगह बंटने की संभावना हो गई है.

 

 

कौन हैं विजेंद्र चौधरी?

चौधरी विजेंद्र  सिंह मेरठ के जलालपुर लावड़ के रहने वाले हैं. बसपा से घोषित प्रत्याशी विजेंद्र चौधरी भी खुद जाट समाज से आते हैं और मेरठ के बहुत बड़े बिजनेसमैन हैं. बताते हैं कि उनकी तीन अपनी यूनिवर्सिटी मेरठ के अंदर हैं, जबकि अपने दो मेडिकल कॉलेज हैं. एक लखनऊ में और दूसरा मेरठ के अंदर. सिंह की शिक्षा दीक्षा मेरठ में हुई है. उनके परिवार में उनकी मां, उनकी पत्नी के साथ-साथ दो बेटियां हैं, जिनमें एक बेटी अभी लंदन में शिक्षा ग्रहण कर रही है.
 

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