प्रतापगढ़ से BJP कैंडिडेट संगम लाल गुप्ता मंच पर लगे रोने, वोटिंग से पहले ऐसा क्या हो गया?

सुनील यादव

21 May 2024 (अपडेटेड: 21 May 2024, 06:32 PM)

Pratapgarh Lok Sabha Election 2024 : छठे चरण से पहले उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर चुनावी माहौल गरमा गया है. एक तरफ जनसत्ता पार्टी लोकतांत्रिक अध्यक्ष और कुंडा विधायक राजा भैया के तेवर बदले हुए हैं.

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Pratapgarh Lok Sabha Election 2024 : देश में हो रहे लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम चरणों की तरफ बढ़ चला है. लोकसभा चुनाव के सात में से पांच चरणों का मतदान हो चुका है. वहीं छठे चरण से पहले उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर चुनावी माहौल गरमा गया है. एक तरफ जनसत्ता पार्टी लोकतांत्रिक अध्यक्ष और कुंडा विधायक राजा भैया के तेवर बदले हुए हैं. ऐसा दावा किया जा रहा है कि राजा भैया समर्थक भाजपा के खिलाफ माहौल बनाए जाने की कोशिश हो रही है.  इसी बीच प्रतापगढ़ से भाजपा सांसद व प्रत्याशी  संगम लाल गुप्ता का बयान चर्चा का विषय बन गया है.

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मंच पर रोने लगे भाजपा सांसद

बता दें कि प्रतापगढ़ में चुनाव प्रचार के भाजपा सांसद व प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें बीजेपी सांसद ने मंच से रोते हुए सवाल किया कि क्या राजाओं के गढ़ में केवल क्षत्रिय ही सांसद बन सकते हैं? क्या एक बनिया यहां से सांसद नहीं बन सकता? भाजपा प्रत्याशी के बयान पर सवाल उठने लगा है. बता दें कि ये वीडियो एक दिन पहले का बताया जा रहा है. इस कार्यक्रम में खुद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल  भी मौजूद थी. 

कह दी बड़ी बात

वहीं मंच से सांसद का दर्द भी छलक गया.  उनकी आंखों से आंसू निकल आए. संगमलाल ने रोते हुए कहा कि, 'मैं तेली समाज से आता हूं, इसलिए चुनाव में मेरा विरोध हो रहा है। क्या कोई तेली सांसद नहीं बन सकता है. राजाओं के गढ़ में सिर्फ क्षत्रिय ही सांसद बन सकता है.' वहीं जब भाजपा प्रत्याशी से उनके बयान के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि,मैं  गरीब परिवार में जन्मा. हम वहां से निकल कर आए हैं.जो लोग हमारा विरोध कर रहे हैं. हम तो पिछड़े समाज से आते हैं. हमने तो कोई गलती नहीं किया है. लोगों का सम्मान करते हैं. लगों का पैर छूते हैं. क्या गरीब और पिछड़े सांसद नहीं बन सकते है? 

वहीं इस मामले में  जनसत्ता दल के एमएलसी अक्षय प्रताप ने कहा कि,  'देश आजाद हुए 47 साल हो गया है. सारी रियासते खत्म हो चुकी हैं. लोग राजा के पीछे ही क्यों पड़े रहते हैं.'
 

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