Uttar Pradesh Lok Sabha elections 2024: 80 लोकसभा सीटों वाला राज्य उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखता है. एक कहावत काफी प्रचिलित है, जिसे समय-समय पर जरूर सुना जाता है और वह ये है कि 'दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होते हुए जाता है.' इसका सीधा और साफ मतलब यह है कि जो पार्टी उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन करेगी वह केंद्र में सत्ता बनाने के करीब हो जाएगी. यही कारण है कि पार्टी यूपी में अपनी जड़ें मजबूत करना चाहती है. अब 2024 के लोकसभा चुनाव बेहद ही कम समय बचा है. इस बार यूपी में 7 चरण में वोट पड़ेंगे और पहले फेज की वोटिंग तो 19 अप्रैल को है. ऐसे में यूपी Tak ने एक खास रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें आप सभी चरणों की डेट ऑफ वोटिंग से लेकर रिज्लट की तारीख, यूपी की तमाम बड़ी पार्टियों की जानकारी और अन्य जरूरी बातें हासिल कर सकेंगे.
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यूपी में कितनी सीटें पर है मुकाबला?
उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों में से 63 किसी भी पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के लिए हैं, जबकि शेष 17 विशेष रूप से अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं. आगामी चुनावों में भाजपा, एनडीए के भीतर प्रमुख दावेदार होगी, जो अधिकांश सीटों पर चुनाव लड़ेगी. दूसरी ओर, कांग्रेस 17 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतार रही है. शेष 63 सीटें अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी और विपक्ष के इंडिया ब्लॉक के अन्य सदस्यों के बीच विभाजित की जाएंगी.
यूपी में ये पार्टियां हैं मैदान में
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और समाजवादी पार्टी (एसपी) जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के साथ-साथ राष्ट्रीय लोकदल (रालोद), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), अपना दल (सोनेलाल), अपना दल (कमेरावादी), निषाद पार्टी जैसे दल मैदान में हैं.
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यूपी में किस-किस तारीख को है वोटिंग?
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के अनुसार, यूपी में चुनाव सात चरणों में होंगे, जो 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून को समाप्त होंगे. वहीं, मतगणना 4 जून को होगी.
चरण 1 मतदान- 19 अप्रैल
19 अप्रैल को सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत लोकसभा सीट पर मतदान होगा.
चरण 2 मतदान- 26 अप्रैल
दूसरे चरण में यूपी में अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर (एससी), अलीगढ़ और मथुरा लोकसभा सीट पर मतदान होगा.
चरण 3 मतदान- 7 मई
तीसरे चरण में यूपी में संभल, हाथरस, आगरा, फ़तेहपुर सीकरी, फ़िरोज़ाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली लोकसभा सीट पर मतदान होगा.
चरण 4 मतदान- 13 मई
चौथे चरण में शाहजहांपुर (एससी), लखीमपुर खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर और बहराइच में वोटिंग होगी.
चरण 5 मतदान- 20 मई
पांचवें चरण में यूपी में मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा लोकसभा सीट पर मतदान होगा.
चरण 6 मतदान- 25 मई
यूपी में छठे चरण में मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा लोकसभा सीट पर मतदान होगा.
चरण 7 मतदान- 1 जून
यूपी में सातवें और आखिरी चरण में महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव (एससी), घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज (एससी) वोटिंग होगी.
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यूपी की किन सीटों पर होगा रोचक मुकाबला?
कन्नौज: ओबीसी और मुस्लिम मतदाता आधार के कारण समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के यहां से चुनाव लड़ने की उम्मीद है.
मैनपुरी: ऐतिहासिक रूप से समाजवादी पार्टी का गढ़, जिसका प्रतिनिधित्व पहले सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और वर्तमान में डिंपल यादव करती हैं.
रायबरेली: यूपी कांग्रेस के नेता पार्टी के इस गढ़ में प्रियंका गांधी वाड्रा को मैदान में उतारने के इच्छुक हैं. इस सीट पर सोनिया गांधी चुनाव जीतती हुई आई हैं.
अमेठी: 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़ा उलटफेर करते हुए भाजपा ने कांग्रेस के इस किले में सेंध लगाई थी. तब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ जीत हासिल की थी. ईरानी यहां एक बार फिर बीजेपी के लिए चुनाव लड़ रही हैं.
गोरखपुर: योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक गढ़ मानी जाने वाली गोरखपुर सीट, यूपी के मुख्यमंत्री बनने से पहले पांच बार संसद में इसका प्रतिनिधित्व कर चुकी है. इस बार यहां से भाजपा की ओर से रवि किशन मैदान में हैं.
वाराणसी: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र, जहां वह तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से मैदान में हैं.
कैसरगंज: यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह का कैसरगंज गढ़ माना जाता है.
फैजाबाद: राम मंदिर के उद्घाटन के साथ प्रमुखता प्राप्त करते हुए, अयोध्या इस निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा है, जिसे पहले फैजाबाद के नाम से जाना जाता था.
रामपुर: कभी आजम खान का गढ़ रहा रामपुर अब चुनौतियों का सामना कर रहा है, जो बदलते राजनीतिक परिदृश्य का प्रतीक है.
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