Uttar Pradesh Lok Sabha Election Phase 3 Voting: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण 3 के लिए मंगलवार यानी 7 मई को मतदान होना है. इस तीसरे चरण में यूपी की 10 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है. इनमें संभल, हाथरस, आगरा, फ़तेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदांयू, बरेली और आंवला की सीटें शामिल हैं. लोगों की खास रुचि मैनपुरी की सीट को लेकर भी है, जहां से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी ने यहां से जयवीर सिंह को टिकट दिया है.
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संभल, आगरा, फ़तेहपुर सीकरी, मैनपुरी और आंवला सहित कई निर्वाचन क्षेत्रों में एनडीए, विपक्ष के इंडिया गठबंधन और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. तीसरे चरण में कुछ सीटें ऐसी भी हैं जहां यादव और मुस्लिम वोटरों की बाहुल्यता है. इसे यादव लैंड का भी नाम दिया जाता है. आइए आपको सीटवार बताते हैं कि कहां से कौन सा समीकरण भारी पड़ रहा है.
संभल लोकसभा सीट की पूरी रिपोर्ट
यह सामान्य वर्ग की सीट है. 2019 में यहां सपा-बसपा गठबंधन से डॉ. शफीकुर्रहमान की जीत हुई थी. उनके निधन के बाद सपा ने उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने परमेश्वर लाल सैनी और बसपा ने शौकत अली को टिकट दिया है. इस सीट पर मुस्लिम के अलावा अन्य जातियों के कितने मतदाता हैं, उनकी अनुमानित संख्या आप ग्राफिक्स में नीचे देख सकते हैं.
हाथरस लोकसभा सीट की पूरी रिपोर्ट
यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. 2019 में यहां से बीजेपी को जीत मिली थी. बीजेपी ने अलीगढ़ की खैर सीट के विधायक अनूप प्रधान को यहां से कैंडिडेट बनाया है. बसपा ने हेमबाबू धनगर को टिकट दिया है. वहां सपा और इंडिया गठबंधन से जसवीर वाल्मिकी उम्मीदवार हैं. इस सीट पर मुस्लिम के अलावा अन्य जातियों के कितने मतदाता हैं, उनकी अनुमानित संख्या आप ग्राफिक्स में नीचे देख सकते हैं.
आगरा लोकसभा सीट की पूरी रिपोर्ट
आगरा सीट भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. 2019 के चुनाव में यहां से बीजेपी के एसपी सिंह बघेल को जीत मिली थी. बीजेपी ने इस बार भी केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल को ही प्रत्याशी बनाया है. सपा ने कभी बसपा में रहे मशहूर जूता कारोबारी सुरेश चंद कर्दम को टिकट दिया है. बसपा ने पूजा अमरोही को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर मुस्लिम के अलावा अन्य जातियों के कितने मतदाता हैं, उनकी अनुमानित संख्या आप ग्राफिक्स में नीचे देख सकते हैं.
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट की पूरी रिपोर्ट
यह सामान्य वर्ग की सीट है. 2019 में यहां से बीजेपी के राजकुमार चहर ने जीत हासिल की थी. इस बार भी बीजेपी ने राजकुमार चहर को ही उम्मीदवार बनाया है. यह सीट इस बार इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के खाते में आई है. कांग्रेस ने यहां से रामनाथ सिकरवार को उम्मीदवार बनाया है. बसपा ने यहां से रामनिवास शर्मा को टिकट दिया है. इस सीट पर मुस्लिम के अलावा अन्य जातियों के कितने मतदाता हैं, उनकी अनुमानित संख्या आप ग्राफिक्स में नीचे देख सकते हैं.
फिरोजाबाद लोकसभा सीट की पूरी रिपोर्ट
एक वक्त फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर मुलायम सिंह यादव के परिवार का दबदबा रहा. पर 2019 के चुनाव में बीजेपी ने ये गढ़ ढहा दिया. तब बीजेपी के चंद्र सेन जादौन को यहां से जीत मिली थी. सपा ने इस बार परिवार रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को मैदान में उतारा है. भाजपा ने चंद्र सेन जादौन का टिकट काटकर विश्वदीप सिंह को प्रत्याशी बनाया है. बसपा ने यहां से चौधरी बशीर को उतारा है. इस सीट पर मुस्लिम के अलावा अन्य जातियों के कितने मतदाता हैं, उनकी अनुमानित संख्या आप ग्राफिक्स में नीचे देख सकते हैं.
मैनपुरी लोकसभा सीट की पूरी रिपोर्ट
मैनपुरी लोकसभा सीट सामान्य सीट है. यहां से पिछले 10 चुनावों में सपा प्रत्याशी को जीत मिली है. इसलिए इसे समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद 2022 में इस सीट पर हुए उपचुनाव जिंपल यादव को जीत मिली थी. इस चुनाव में डिंपल यादव सपा के सिंबल पर मैदान में हैं, तो बसपा ने गुलशन कुमार शाक्य को प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी ने योगी सरकार में मंत्री एवं मैनपुरी सदर सीट से विधायक जयवीर सिंह को टिकट गिया है. इस सीट पर मुस्लिम के अलावा अन्य जातियों के कितने मतदाता हैं, उनकी अनुमानित संख्या आप ग्राफिक्स में नीचे देख सकते हैं.
एटा लोकसभा सीट की पूरी रिपोर्ट
एटा लोकसभा सीट सामान्य सीट है. यहां से 2019 के चुनाव में बीजेपी के राजवीर सिंह जीते थे. इस बार भी भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद राजवीर सिंह पर ही दांव लगाया है. राजवीर सिंह पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे हैं. सपा ने शाक्य बिरादरी के देवेश शाक्य पर भरोसा जताया है. बसपा ने कांग्रेस छोड़कर आए पेशे से वकील मोहम्मद इरफान को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर मुस्लिम के अलावा अन्य जातियों के कितने मतदाता हैं, उनकी अनुमानित संख्या आप ग्राफिक्स में नीचे देख सकते हैं.
बदायूं लोकसभा सीट की पूरी रिपोर्ट
बदायूं सीट सामान्य सीट है. इस सीट पर रोचक मामला चल रहा है. 2019 में इस सीट पर बीजेपी की संघमित्रा मौर्य ने सपा के धमेंद्र यादव को हरा दिया था. इस बार सपा ने बदायूं सीट से पहले धर्मेंद्र यादव फिर शिवपाल यादव और बाद में उनके बेटे आदित्य यादव को कैंडिडेट बनाया है. बीजेपी ने मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर दुर्विजय शाक्य को कैंडिडेट बनाया है. बसपा ने मुस्लिम खान को उतार कर मुस्लिम कार्ड खेल दिया है. इस सीट पर मुस्लिम के अलावा अन्य जातियों के कितने मतदाता हैं, उनकी अनुमानित संख्या आप ग्राफिक्स में नीचे देख सकते हैं.
आंवला लोकसभा सीट की पूरी रिपोर्ट
आंवला लोकसभा सीट सामान्य सीट है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के धमेंद्र कश्यप ने सपा-बसपा की संयुक्त प्रत्याशी रुचि वीरा को हराया था. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद धर्मेन्द्र कश्यप को मैदान में उतारा है. समाजवादी पार्टी ने नीरज मौर्य को मैदान में उतारा है. बसपा ने इस सीट पर सपा छोड़कर आए आंवला नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सैयद आबिद अली को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर मुस्लिम के अलावा अन्य जातियों के कितने मतदाता हैं, उनकी अनुमानित संख्या आप ग्राफिक्स में नीचे देख सकते हैं.
बरेली लोकसभा सीट की पूरी रिपोर्ट
बरेली लोकसभा सीट सामान्य सीट है. 2019 के चुनाव में यहां से बीजेपी के संतोष गंगवार ने सपा-बसपा के भगवत शरण गंगवार को हराया था. इस बार सपा ने प्रवीण कुमार ऐरन को टिकट दिया है. बीजेपी ने भी संतोष गंगवार का टिकट काट छत्रपाल सिंह गंगवार को उतारा है. बसपा ने छोटेलाल गंगवार को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर मुस्लिम के अलावा अन्य जातियों के कितने मतदाता हैं, उनकी अनुमानित संख्या आप ग्राफिक्स में नीचे देख सकते हैं.
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