UP में वो कौनसी 2 सीटें हैं जो जयंत चौधरी ने NDA से मांगी हैं? जानें इनसाइड स्टोरी

यूपी तक

09 Feb 2024 (अपडेटेड: 09 Feb 2024, 11:51 AM)

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)  साथ जाने की अटकलें काफी तेज हैं.

UP में वो कौनसी 2 सीटें हैं जो जयंत चौधरी ने NDA से मांगी हैं? जानें इनसाइड स्टोरी

UP में वो कौनसी 2 सीटें हैं जो जयंत चौधरी ने NDA से मांगी हैं? जानें इनसाइड स्टोरी

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Jayant Chaudhary News: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)  साथ जाने की अटकलें काफी तेज हैं. इसी बीच ऐसी रिपोर्ट्स मिली हैं कि भाजपा और जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) के बीच गठबंधन को लेकर बात बन गई है. सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में भाजपा और रालोद के बीच दो सीटों को लेकर सहमति बन गई है. खबर में आगे जानिए वो कौनसी दो सीटें हैं, जिनपर जयंत की पार्टी चुनाव लड़ सकती है.

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कौनसी हैं वो दो सीटें?

 

सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि रालोद NDA के बैनर तले पश्चिमी यूपी की बागपत और बिजनौर सीट पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है. हालांकि, अभी इसकी कोई आधिकारिक सूचना सामने नहीं आई है. 

 

 

दोनों पार्टियों के बीच क्या बातचीत हो रही?

सूत्रों से खबर मिली है कि रालोद चीफ जयंत चौधरी ने NDA में आने के लिए 4 लोकसभा सीटें मांगी हैं, जबकि भाजपा ने दो सीटों का ऑफर दिया है. इसके पीछे बीजेपी का तर्क है कि 2019 में रालोद ने सपा-बसपा गठबंधन में सिर्फ तीन सीटें चुनाव लड़ा था, जिनमें मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर शामिल थीं. खबर यह भी मिली है कि दोनों पार्टियों के बीच 2+ 1 फॉर्म्युला पर बात बन सकती है. इस फॉर्म्युला के तहत रालोद को 2 लोकसभा सीट और 1 राज्यसभा सीट देने की योजना है.    

इससे पहले जानकारी निकलकर सामने आई थी कि भाजपा की तरफ से रालोद को कैराना, बागपत, मथुरा और अमरोहा लोकसभा सीटें ऑफर की गई हैं. मगर अब लेटेस्ट खबर यह है कि भाजपा रालोद के साथ 2+1 के फॉर्म्युला पर काम कर रही है.

 

 

इस सीट को लेकर रालोद की सपा से बिगड़ी बात?

बता दें कि मुजफ्फरनगर सीट को लेकर सपा और रालोद के गठबंधन में खींचतान मच गई थी.  समाजवादी पार्टी चाहती है कि हरेंद्र मलिक को वहां से चुनाव लड़ाया जाए. सपा के हरेंद्र मलिक रालोद के टिकट पर लड़ें. जबकि रालोद के कई स्थानीय नेता इसके विरोध में हैं और नहीं चाहते की हरेंद्र मलिक को मुजफ्फरनगर की सीट दी जाए. गौरतलब है कि करीब पखवाड़े भर पहले जयंत चौधरी और अखिलेश यादव की लखनऊ में हुई मुलाकात के बाद दोनों के बीच सात सीटों पर डील हो गई थी. मगर अब यह गठबंधन टूटने की कगार पर खड़ा है. 

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