Akhilesh Yadav News: उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में सबकी नजरें इस ओर टिकी हैं कि यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ेंगे या नहीं. इस बीच सूत्रों के हवाले से इस संबंध में एक बड़ी जानकारी सामने आई है. सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव यूपी की किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे. पिछले दिनों अखिलेश यादव ने आजमगढ़ की सीट से अपने भाई धमेंद्र यादव को टिकट देने का ऐलान किया था. इसके बाद चर्चा थी कि अखिलेश यादव सपा की गढ़ माने जानी वाली कन्नौज सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन अब तस्वीर जरा बदली-बदली सी नजर आ रही है.
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पार्टी सूत्रों का दावा है कि वैसे तो अखिलेश यादव कन्नौज से चुनावी मैदान में उतरने वाले थे लेकिन अब ऐसा नहीं होने जा रहा है. कन्नौज से अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धनीराम वर्मा की पुत्रवधू रेखा वर्मा को प्रत्याशी बनाया जा सकता है. सपा ने अब तक कन्नौज से अपने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है. अब यहां से टिकट के लिए रेखा वर्मा रेस में सबसे आगे बताई जा रही हैं.
पार्टी प्रचार का जिम्मा संभालने की वजह से ऐसा कर रहे अखिलेश?
वैसे तो सपा के अंदरखाने से आई अखिलेश के चुनाव नहीं लड़ने की खबर में आखिरी समय में बदलाव हो सकता है. पर फिलहाल ऐसा माना जा रहा है कि अखिलेश के कंधे पर उनके सारे कैंडिडेट्स के लिए स्टार प्रचारक होने की जिम्मेदारी भी है. फिलहाल पार्टी चाहती है कि अखिलेश यादव इसी जिम्मेदारी का निर्वाह करें. कन्नौज में चौथे चरण में मतदान 13 मई को होना है. इसलिए अभी इस सीट पर टिकट फाइनल होने और नॉमिनेशन के लिए वक्त बचा हुआ है.
अखिलेश ने 2019 का लोकसभा चुनाव आजमगढ़ से लड़ा था. तब उन्होंने बीजेपी के स्टार कैंडिडेट दिनेश लाल निरहुआ को शिकस्त दी थी. हालांकि यूपी विधानसभा चुनाव में करहल से जीतने के बाद अखिलेश यादव ने आजमगढ़ की सीट छोड़ दी थी. इसके बाद यहां उपचुनाव में धमेंद्र यादव प्रत्याशी थे. तब बीएसपी ने यहां से गुड्डू जमाली को उतार दिया. त्रिकोणीय मुकाबले में करीबी अंतर से निरहुआ तब बाजी मार गए. अब अखिलेश ने आगामी लोकसभा चुनाव में एक बार फिर धमेंद्र यादव पर भरोसा जताया है. बीजेपी ने भी यहां से सिटिंग सांसद दिनेश लाल निरहुआ को टिकट दिया है. यानी आजमगढ़ में चुनाव के रोचक होने के पूरे आसार हैं.
अब अखिलेश यादव के लिए आई इस खबर ने यूपी की सियासत में एक नई चर्चा को जन्म दिया है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि कांग्रेस की तरफ से भी अभी स्पष्ट नहीं है कि गांधी परिवार की गढ़ माने जानी वली अमेठी और रायबरेली सीट से राहुल या प्रियंका चुनाव लड़ेंगे या नहीं. सबकी निगाहें कांग्रेस और सपा के इन दिग्गज नेताओं पर हैं कि इनका अगला कदम क्या होगा.
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