उत्तराखंड पुलिस अयोध्या आई, भास्कर पांडे को उठाया और अस्पताल पहुंची लाश! पिता ने लगाए गंभीर आरोप

बनबीर सिंह

28 Jul 2024 (अपडेटेड: 28 Jul 2024, 11:08 PM)

मृतक युवक के पिता ने कहा कि, 'मुझे न्याय चाहिए और न्याय लेकर रहूंगा. इसके लिए कोर्ट का हर दरवाजा खट खटाऊंगा. मैंने जवान बेटे का अंतिम संस्कार किया है. उसे  न्याय दिलाने के लिये अंतिम दम तक लडूंगा.'

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Ayodhya News : उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर का रहने वाला भास्कर पांडे नाम का एक युवक एलएलबी की परीक्षा देने अयोध्या आता है. बीते शुक्रवार को रात लगभग 8 बजे जब वह अपने अपने किराए के मकान से खाना-खाने के लिए दोस्त के साथ हनुमानगढ़ी के पास रामपथ की ओर जाता है. उस दौरान खड़ी एक सिटी बस से तीन लोग युवक का नाम लेकर उसे नीचे बुलाते हैं और बात करते हुए कुछ दूर खड़ी एक गाड़ी में लेकर उसे चले जाते हैं. भास्कर को वही लोग करीब एक घंटे बाद 9 बजकर 10 मिनट पर अयोध्या जिला अस्पताल लेकर आते हैं तब तक उसकी मौत ह चुकी रहती है. इसके बाद पता चलता है कि भास्कर को ले जाने वाले लोग उत्तराखंड के रुद्रपुर कोतवाली के पुलिसकर्मी है. ये कोई फिल्म की कहानी नहीं बल्कि अयोध्या में घटी एक घटना है और युवक की हत्या का आरोप उत्तराखंड पुलिस पर लगा है.

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क्या है पूरा मामला

दरअसल, रुद्रपुर कोतवाली पुलिस को आर एस लॉजिस्टिक के ओनर हरीश मुंजाल ने एक तहरीर दी थी. जिसमें बताया गया  था कि उन्हें नई ट्रक की चेचिस भारत भर में भेजने का ट्रांसपोर्ट टेंडर मिला हुआ था. आर एस लोजिस्टिक की शाखा में ही प्रबंध कार्य देखने के लिए भास्कर पांडे को नियुक्त किया गया था. तहरीर में आगे कहा गया था कि, तमिलनाडु स्थित कार्यालय से रोड टैक्स जमा करने हेतु लगभग 5 लख रुपए प्रति सप्ताह भास्कर को भेजा जा रहा था.  तहरीर में आरोप लगाया गया है कि भास्कर अपने साथी मोहम्मद मुनीम खां निवासी जमालगढ़ मेवात हरियाणा और अलवर राजस्थान निवासी फारूख  व तीन चार अज्ञात साथियों के साथ कूट रचित रसीदों को असली बताकर कंपनी को 52 लाख 40000 का चूना लगाया है.

 इस मामले की जांच कोतवाली के एस आई दीपक कौशिक कर रहे थे. उन्हीं की टीम ने उत्तराखंड से आकर शुक्रवार को अयोध्या से भास्कर पांडे को गिरफ्तार किया. सूत्रों की माने तो गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड पुलिस उसे रुद्रपुर ले जा रही थी. लेकिन स्थिति ऐसी बनी की कुछ देर बाद जब उसे जिला अस्पताल लाया गया तो भास्कर की मौत हो चुकी थी. पुलिस कस्टडी में हुई इस मौत के बाद उत्तराखंड पुलिस सवालों के घेरे में है तो कई ऐसे सवाल भी है जिनके जवाब देना उसके लिए आसान नहीं है.


अयोध्या जिला अस्पताल में भास्कर के देखने वाले डॉक्टर आशुतोष प्रताप सिंह ने बताया कि, 'भास्कर पांडे नाम का एक युवक को रात में लाया गया था. युवक सिद्धार्थ नगर का रहने वाला था. उसे उत्तराखंड पुलिस पकड़ कर लाई थी. रात के  9:10 पर जब यहां लाए तो वह मर चुका था. अब यहां आया तो ब्रॉड डेड था. पोस्टमार्टम के बाद स्थिति क्लियर होगी.'

पिता ने लगाया ये आरोप

वहीं मृतक युवक भास्कर पांडे के पिता रामेश्वर पांडे ने यूपी तक से बात करते हुए उत्तराखंड पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है. रामेश्वर पांडे ने बताया कि, 'उनके 32 वर्षीय बेटे भास्कर पांडे को उत्तराखंड के उधमपुर नगर जिले की रुद्रपुर पुलिस के एसआई अमित जोशी ने अपने 3 साथियों के साथ अयोध्या के लता मंगेशकर चौक से शुक्रवार को अवैध तरीके से अपने साथ ले गए थे. सादे वर्दी में आए पुलिस वालों ने मेरे बेटे को इतना प्रताड़ित किया कि उसकी मौत हो गई.   मेरे नौजवान बेटे की मौत हो गई है. यह साफ साफ हत्या ही है. पुलिस ने बदमाशों की तरह उठाया और लोकल पुलिस ने उनकी अवैध गतिविधि में मदद की. मुझे न्याय चाहिए और न्याय लेकर रहूंगा. इसके लिए कोर्ट का हर दरवाजा खट खटाऊंगा. मैंने जवान बेटे का अंतिम संस्कार किया है. उसे  न्याय दिलाने के लिये अंतिम दम तक लडूंगा.'

दोस्त ने बताई पूरी कहानी

भास्कर के दोस्त रवि पांडे ने बताया कि,  'रामपथ पर हमलोग बस से जा रहे थे तभी  दो-तीन लोग आते हैं और कहते हैं भास्कर इधर आओ. मैं समझा भास्कर नाम पता है तो जरूर परिचित होंगे.  कुछ जबरदस्ती करते तो मुझे लगता. वह भास्कर से बात करते हुए बस के पीछे जाने लगे तब मैंने सोचा कि खाना खाना है. रात में पता नहीं कहां बात करने जा रहे है. इसके बाद में नीचे उतरा बस से और जिधर गए थे उनका पीछा किया. वहां एक ट्रैफिक पुलिस था, मुझे रोक कर बोला कहां जा रहे हो इधर आओ. उसने ही मुझे बताया कि ये लोग उत्तराखंड के कुछ पुलिस वाले हैं उनका कोई मामला है, वही लेकर गए हैं. मैं दौड़कर पीछे गया लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला. मैं उसे फोन भी कर रहा था तो फोन कट जा रहा था.'

क्या कहना है अयोध्या पुलिस का

वहीं इस मामले में अयोध्या पुलिस ने सीधे तौर पर अपने हाथ खींच लिए हैं और सीधे तौर पर उत्तराखंड पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है . अयोध्या के एसएसपी की माने तो उत्तराखंड पुलिस अपने एक वांछित अभियुक्त की तलाश में आई थी और जैसे ही वह मिला उसे लेकर वह उत्तराखंड के लिए रवाना हो गई. रास्ते में उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अयोध्या के एसपी राजकरण नैय्यर ने इस मामले को लेकर बतया कि, 'शुक्रवार रात को जिला अस्पताल में एक व्यक्ति की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई थी. इसके संबंध में अवगत कराना है कि उत्तराखंड के उधम सिंह नगर की पुलिस अपने एक वांछित अभियुक्त की तलाश में यहां आई थी. जैसे ही उनको अपना अभियुक्त मिला उसको लेकर वह गंतव्य स्थान के लिए रवाना हो गए थे.  उनका कहना है कि रास्ते में अभियुक्त की अचानक सांस तेज होने लगी. जिससे उनको लगा कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है वह तत्काल उसे लेकर जिला अस्पताल आए. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उसके साथ जो व्यक्ति था उसकी सूचना के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है. मृतक का पंचनामा एक मजिस्ट्रेट के द्वारा किया जा रहा है. डॉक्टर के पैनल से वीडियोग्राफी के बीच उसका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. इस बारे में जो अग्रिम कार्रवाई होगी उससे आपको अवगत कराया जाएगा.'

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