राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर प्रदेश में अयोध्या के गैंगस्टर, लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के करीबी और यूपी के बाहुबली नेता विकास सिंह को गिरफ्तार किया है. पटियाला हाउस कोर्ट ने विकास को पांच दिनों के लिए एनआईए की रिमांड पर भेज दिया है. विकास सिंह पर मोहाली में हुए आरपीजी अटैक से तार जुड़े होने का भी सबूत है.
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एनआईए ने कोर्ट से विकास सिंह को पूछताछ के लिए 7 दिन की हिरासत में दिए जाने की मांग की थी. एनआईए ने विकास सिंह को मंगलवार रात गिरफ्तार किया था. अब एनआईए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से विकास सिंह के रिश्तों को लेकर छानबीन कर रही है.
सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी को संदेह है कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के शूटरों को उत्तर प्रदेश में शरण दिलाने में विकास सिंह की सक्रिय भूमिका रही है. एनआईए ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े एक खालिस्तानी समर्थक को पकड़ा था, जिससे पूछताछ में विकास सिंह का नाम सामने आने की बात भी कही जा रही है.
एनआईए ने पहले विकास सिंह की तलाश में पहले लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार स्थित पार्क व्यू अपार्टमेंट में छापा मारा था. एनआईए की टीम विकास के अयोध्या के देवगढ़ गांव भी पहुंची थी और उससे पूछताछ किया था.
एनआईए के मुताबिक, मोहाली में 22 मई में पंजाब खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी यानी रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड से हुए आतंकी हमले के दो आरोपियों दीपक सुरखपुर और दिव्यांशु को अपने यहां शरण दी थी. विकास सिंह ने लॉरेंस विश्नोई के गुर्गों को पनाह दी थी. विकास सिंह के खिलाफ आर्म्स एक्ट, हत्या और गैंगस्टर एक्ट के कई मामले चल रहे हैं. एनआईए की रिमांड शीट के मुताबिक, नांदेड महाराष्ट्र के व्यवसायी संजय बियानी और पंजाब के राणा कंधोवालिया की हत्याओं सहित कई हत्याओं का आरोप है.
विकास सिंह के वकील ने बचाव मे अदालत से कहा कि विकास ने हमेशा जांच में सहयोग किया है. उसके खिलाफ ऐसा कोई मटेरियल नहीं है, जिससे उसे गिरफ्तार किया जाए.
एनआईए के मुताबिक, विकास सिंह को लॉरेंस से मिलाने वाला विक्की मिद्धुखेडा था. विकास सिंह का हाथ चंडीगढ़ के दोहरे हत्याकांड में भी था.
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