अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तैयारियों जोरों-शोरों पर चल रही हैं. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. रामलला की मूर्ति का जिस कुटिया में निर्माण किया गया है, वहीं 16 जनवरी से पूजन का शुभारंभ होगा. इसके बाद मूर्ति का निर्माण करने वाले शिल्पी का प्रायश्चित पूजन होगा.
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विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने बताया कि 17 फरवरी को श्री विग्रह का परिसर भ्रमण कराया जाएगा और गर्भगृह का शुद्धिकरण होगा.
उन्होंने बताया कि 18 जनवरी से अधिवास प्रारंभ होगा. दोनों समय जलाधिवास होगा. साथ ही सुगंधि और गंधाधिवास भी होगा. 19 जनवरी को प्रातः फल अधिवास और शाम को धान्य अधिवास होगा. इसी तरह 20 जनवरी को सुबह पुष्प और रत्न अधिवास शाम को घृत अधिवास होगा श्री तिवारी के अनुसार 21 जनवरी को प्रात: शर्करा, मिष्ठान और मधु अधिवास होगा,शाम को औषधि और शय्या अधिवास होगा. भगवान राम सूर्यवंशी हैं और आदित्य भी द्वादश हैं इसलिए द्वादश अधिवास हो रहे हैं.
इसके अलावा 16 से 22 जनवरी तक चतुर्वेद यज्ञ होगा. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के ब्रह्मा गणेश्वर शास्त्री द्राविड़, प्रमुख आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित सुनील दीक्षित, गजानंद जोगकर, अनुपम दीक्षित, घटाटे गुरुजी प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान संपन्न कराएंगे इसमें 11 यजमान भी होंगे. 22 जनवरी को मध्य दिवस में श्री राम लला के विग्रह की आंखों से पट्टी खोली जाएगी और उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा.
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