Ram Temple प्राण प्रतिष्ठा : रामलला की पूजा पद्धति से संतुष्ट नहीं निर्मोही अखाड़ा! कही ये बात

संजय शर्मा

• 04:03 PM • 12 Jan 2024

Ayodhya Ram Mandir : 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह है. सालों चले लंबे संघर्ष के बाद मंदिर निर्माण…

UPTAK
follow google news

Ayodhya Ram Mandir : 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह है. सालों चले लंबे संघर्ष के बाद मंदिर निर्माण हुआ और अब उद्घाटन होने जा रहा है. इस समारोह को लेकर देश भर में जहां भारी उत्साह है वहीं कार्यक्रम को लेकर कुछ विवाद और नाराजगी भी सामने आ रही है. मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्रतिष्ठा में चारों शंकराचार्य ने शामिल न होने की बात कही है. वहीं अब खबर आ रही है कि निर्मोही अखाड़ा भी कार्यक्रम को लेकर असंतुष्ट है.

यह भी पढ़ें...

पूजा पद्धति से संतुष्ट नहीं निर्मोही अखाड़ा!

निर्मोही अखाड़े ने ‘रामलला’ की पूजा-अर्चना की पद्धति को लेकर अपनी नाखुशी जाहिर की है. निर्मोही अखाड़ा का कहना है कि अयोध्या में 22 जनवरी के उत्सव को लेकर उसे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन रामलला की पूजा-अर्चना की पद्धति से उनकी नाखुशी जरूर है. निर्मोही अखाड़े का कहना है कि पूजा-अर्चना की जो पद्धति अपनाई गई है, वह विशुद्ध रामानंदीय परंपरा न होकर मिली-जुली पद्धति है. अखाड़े का मानना है कि ये विधि उचित नहीं है. उनके अनुसार पिछले 500 साल से अधिक समय से रामानंदीय परंपरा से ‘रामलला’ की पूजा होती आई है, लेकिन अब उसमें बदलाव किया गया है.

कही ये बात

निर्मोही अखाड़े के महंत और राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महंत दिनेंद्र दास का कहना है कि रामनंदी परंपरा में तिलक और मंदिर में बनाए जाने वाले चिन्ह बिल्कुल अलग होते हैं. महंत दिनेंद्र दास ने कहा कि निर्मोही अखाड़ा चाहता है सदियों से पूजा की जो परंपरा चलती आ रही है, वही आगे भी जारी रहे. लेकिन ट्रस्ट हमारी बात नहीं मान रहा है. उन्होंने कहा कि हम 22 तारीख के समारोह में शामिल जरूर होंगे, लेकिन हमारे मन में यह एक कसक जरूर है.

    follow whatsapp