Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा को स्थापित कर दिया गया है. अब राम मंदिर में स्थापित रामलला की प्रतिमा की पहली तस्वीर भी सामने आ गई है. अभी जो तस्वीर सामने आई है, उसमें दिख रहा है कि राम मंदिर निर्माण में जुटे श्रमिक रामलला के सामने हाथ जोड़ कर खड़े हैं और उनसे प्रार्थना कर रहे हैं. बता दें कि पूरे विधि-विधान के साथ रामलला की प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापित किया गया है. 3 से 4 घंटे का समय इसमें लगा है. इस दौरान रामलला की प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार योगीराज समेत कई संत भी मौजूद रहे.
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मंदिर में स्थापित हुई रामलला की मूर्ति
जैसे-जैसे 22 जनवरी का दिन करीब आ रहा है, वैसे-वैसे राम भक्तों का उत्साह बढ़ता जा रहा है. 22 जनवरी के दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर कोई अपने अराध्य श्रीराम के दर्शन कर सकेगा. इसी बीच रामलला की मूर्ति को भी मंदिर में स्थापित कर दिया गया है.
जैसे ही अपने आसन पर विराजमान रामलला की तस्वीरें सामने आई, सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. बता दें कि अब 22 जनवरी के दिन मंदिर में विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम किया जाएगा.
क्रेन की मदद से मूर्ति को मंदिर परिसर में लाया गया
मिली जानकारी के मुताबिक, रामलला की मूर्ति को क्रेन की मदद से मंदिर परिसर में लाया गया था. इससे पहले रामलला का आसन तैयार किया गया. बता दें कि ये आसन 3.4 फीट का है. इस आसन को मकराना पत्थर से बनाया गया है. इसके बाद जय श्रीराम के नारों के साथ रामलला की मूर्ति को आसन पर स्थापित कर दिया गया. इसके बाद मंदिर निर्माण से जुड़े सभी श्रमिक रामलला के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए.
अरुण योगीराज ने बनाई है मूर्ति
बता दें कि रामलला की मूर्ति पर 3 मूर्तिकार काम कर रहे थे. आखिर में राम मंदिर ट्रस्ट और साधु-संतों ने अरुण योगीराज की मूर्ति को फाइनल किया था. बता दें कि अरुण योगीराज जाने-माने मूर्तिकार हैं. मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों वाले परिवार की पृष्ठभूमि से आने वाले अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक मांग वाले मूर्तिकार हैं. अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं. उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था. अरुण योगीराज भी बचपन से ही नक्काशी के काम से जुड़े रहे हैं.
अरुण की अपनी ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, एमबीए पूरा करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक एक निजी कंपनी में काम किया. मगर जन्मजात मूर्तिकला पेशे कौशल के की वजह से उनका नौकरी करने में मन नहीं लगा. इसके बाद साल 2008 से उन्होंने अपना नक्काशी में करियर जारी रखा है. अब अयोध्या राम मंदिर में अरुण योगीराज की ही राम लला की मूर्ति स्थापित की गई है. ऐसे में एक बार फिर अरुण योगीराज चर्चाओं में आ गए हैं.
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