Ram Mandir: आज राम मंदिर में प्रवेश करेंगे रामलला, कराया जाएगा उन्हें परिसर का भ्रमण, जानें

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17 Jan 2024 (अपडेटेड: 17 Jan 2024, 08:31 AM)

1 6 जनवरी को प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन के बाद राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो गया है. आपको बता दें कि आज यानी 17 जनवरी को रामलला अपने मंदिर में प्रवेश करेंगे.

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Ram Mandir Update: 16 जनवरी को प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन के बाद राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो गया है. आपको बता दें कि आज यानी 17 जनवरी को रामलला अपने मंदिर में प्रवेश करेंगे. मिली जानकारी के अनुसार, इस दौरान रामलला की मूर्ती को मंदिर परिसर में भ्रमण कराया जाएगा. इसके बाद गर्भृह का शुद्धीकरण होगा और 18 जनवरी को रामलला गर्भगृह में प्रवेश करेंगे. इस दौरान मंदिर परिसर में यज्ञ और हवन चलता रहेगा. प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ़. अनिल मिश्र और उनकी पत्नी को यजमान बनाया गया है.

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18 से 21 जनवरी तक क्या-क्या होगा?

18 जनवरी (शाम): तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास
19 जनवरी (सुबह): औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास
19 जनवरी (शाम): धान्याधिवास
20 जनवरी (सुबह): शर्कराधिवास, फलाधिवास
20 जनवरी (शाम): पुष्पाधिवास
21 जनवरी (सुबह): मध्याधिवास
21 जनवरी (शाम): शय्याधिवास

किनकी उपस्थिति में होगी प्राण प्रतिष्ठा

आपको बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में होगी.

कौन-कौनसी परंपराएं प्राण प्रतिष्ठा में भाग लेंगी?

आपको जानकारी दे दें कि शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएं इसमें भाग लेंगी.

कौन होगा मुख्य आचार्य?

समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे. श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे, तथा काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे.

 

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