उत्तर प्रदेश के बिजनौर में खो-खो की नेशनल खिलाड़ी की हत्या की जांच अब मंडल स्तर पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) करेगी. यह आदेश मुख्यमंत्री ने परिजन से मिलने के बाद डीआईजी मुरादाबाद शलभ माथुर को दिया. शलभ माथुर ने इस पूरे मामले की जांच अब 6 सदस्यीय एसआईटी को सौंपी है.
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10 सितंबर को खो-खो की नेशनल प्लेयर कि उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह फोन पर बात करते हुए अपने घर जा रही थी. पुलिस ने इस घटना का खुलासा करते हुए आरोपी शहजाद को गिरफ्तार कर जेल भेज कर दिया था, लेकिन परिजन इस खुलासे से संतुष्ट नहीं थे. उनका कहना था कि उनकी बेटी एथलीट थी, जो एक व्यक्ति के कब्जे में नहीं आ सकती थी. इस घटना में और भी लोग शामिल हैं उनका भी खुलासा होना चाहिए.
परिजनों का कहना है कि अभी तक उनके बेटी का मोबाइल भी बरामद नहीं हुआ है. इन सभी मांगों को लेकर 21 सितंबर को मृतक खिलाड़ी के पिता ऋषि पाल ने बिजनौर मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. ऋषि पाल ने पूरे मामले की जांच उच्चस्तर पर कराने और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की. मुख्यमंत्री ने उनकी बात सुनने के बाद डीआईजी मुरादाबाद शलभ माथुर को इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री ने मृतक खिलाड़ी के पिता को सहायता के रूप में 5 लाख रुपये का चेक भी दिया.
इसके बाद डीआईजी शलभ माथुर ने महिला खिलाड़ी की मौत की जांच मंडल स्तर पर एसआईटी से कराने की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि खो-खो खिलाड़ी की हत्या की जांच अब एसआईटी करेगी, जिसमें 6 अधिकारियों को शामिल किया गया है, जो मंडल के अलग-अलग जिलों से ताल्लुक रखते हैं. उन्हें इस पूरे मामले की जांच सौंपी गई है. डीआईजी शलभ माथुर ने दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने और परिवार को पूर्ण सुरक्षा देने का आश्वासन भी दिया है.
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