ग्रेटर नोएडा में बच्चे की बाईं की जगह दाईं आंख का किया गया ऑपरेशन, क्या डॉक्टर ने मानी अपनी गलती? 

यूपी तक

15 Nov 2024 (अपडेटेड: 15 Nov 2024, 10:19 AM)

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में चिकित्सकीय लापरवाही का एक मामले सामने आया है, जहां सात वर्षीय बच्चे की दाईं आंख का ऑपरेशन कर दिया गया जबकि उसकी बाईं आंख में समस्या थी.

Greater Noida News (Photo- AI)

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Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में चिकित्सकीय लापरवाही का एक मामले सामने आया है, जहां सात वर्षीय बच्चे की दाईं आंख का ऑपरेशन कर दिया गया जबकि उसकी बाईं आंख में समस्या थी. बच्चे के परिवार ने यह दावा किया है. जिला अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस संबंध में अभी औपचारिक शिकायत नहीं मिली है. ऑपरेशन 12 नवंबर को शहर के गामा 1 सेक्टर में स्थित अस्पताल में हुआ था. परिवार ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया है. 

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हालांकि अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए पुष्टि की कि पुलिस या जिला स्वास्थ्य विभाग को अभी कोई आधिकारिक शिकायत नहीं मिली.  परिवार के अनुसार बाईं आंख में पानी आने की शिकायत के बाद मंगलवार को बच्चे को आनंदा स्पेक्ट्रम अस्पताल ले जाया गया.

45000 रुपये में हुआ ऑपरेशन

 

लड़के के पिता नितिन भाटी ने पत्रकारों को बताया कि डॉक्टरों ने उनके बेटे की आंख में समस्या (आंख में एक बाहरी चीज चले जाने) के इलाज के लिए सर्जरी का सुझाव दिया और उपचार के लिए 45000 रुपये लिए. उन्होंने कहा कि इलाज के बाद, चिकित्सकों ने उन्हें प्लास्टिक की एक चीज की तस्वीर भी दिखाई, जो कथित तौर पर लड़के की आंख से निकाली गई थी. भाटी ने कहा कि लेकिन जब वे घर लौटे तो पत्नी ने देखा कि बच्चे की बाईं आंख के बजाय दाईं आंख का ऑपरेशन किया गया.

 

 

क्या डॉक्टर ने मानी गलती? 

अस्पताल में मची अफरा-तफरी के बीच, स्थानीय बीटा 2 थाने के अधिकारी संबंधित चिकित्सक और बच्चे के परिवार के बीच मध्यस्थता कराने के लिए सुविधा केंद्र पहुंचे.  दावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संबंधित चिकित्सक ने कहा, 'मुझसे बस दाएं-बाएं में गलती हो गई. बस यही मेरी गलती है. मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं.' चिकित्सक ने बच्चे के परेशान माता-पिता को शांत कराने की कोशिश करते हुए कहा, 'मैं पूरी गारंटी लेता हूं कि बच्चा सिर्फ पांच दिन में ठीक हो जाएगा."

बीटा 2 थाने के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मध्यस्थता का प्रयास बेनतीजा रहा. अधिकारी ने कहा, 'हमें अब तक परिवार की ओर से कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली.'  संपर्क किए जाने पर जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार वर्मा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने भी बताया कि उन्हें अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है. शर्मा ने कहा,  "जब भी हमें ऐसी कोई शिकायत मिलती है, तो मामले की तुरंत जांच शुरू कर दी जाती है. हालांकि, अब तक हमें आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं बताया गया है." इस मामले पर आनंदा स्पेक्ट्रम अस्पताल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. 

         


 

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