कोर्ट की अवमानना मामले में नोएडा अथॉरिटी की सीईओ को SC से झटका, नहीं मिली अंतरिम राहत

भूपेंद्र चौधरी

• 08:05 AM • 09 May 2022

इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से जारी किए गए गैर जमानती वॉरंट मामले में नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा…

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इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से जारी किए गए गैर जमानती वॉरंट मामले में नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने ऋतु माहेश्वरी को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है. बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऋतु माहेश्वरी के खिलाफ अवमानना मामले में पेश नहीं होने पर गैर जमानती वॉरंट जारी किया था.

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मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अगर आप हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते तो आपको इसका नतीजा झेलना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप IAS अधिकारी हैं, आपको नियम पता है.”

CJI एनवी रमना ने कहा, “हर दूसरे दिन कुछ अधिकारी गंभीर मामलों में भी निर्देश के लिए कोर्ट आ जाते हैं.” सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, “हर रोज इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन होता है. यह दिनचर्या हो गई है. हर रोज एक अधिकारी कोर्ट आ जाता है, यह क्या है? आप अदालत के आदेश का सम्मान नहीं करते.”

क्या है मामला?

नोएडा प्राधिकरण द्वारा 1990 में इन याचिकाकर्ताओं की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन कानून के मुताबिक आज तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया. याचिकाकर्ता 1990 से नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.

इससे पूर्व, 28 अप्रैल, 2022 को अदालत ने इस मामले की सुनवाई चार मई को करने का निर्देश दिया था और माहेश्वरी से अदालत के समक्ष पेश होने को कहा गया था, लेकिन अदालत द्वारा समन जारी किए जाने के बावजूद वह चार मई को सुनवाई में उपस्थित नहीं हुईं.

इस पर अदालत ने कहा, “इस तथ्य पर विचार करते हुए कि इस अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं किया बावजूद इसके कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा एक रुपये भी मुआवजा दिए बगैर 1990 में अवैध रूप से याचिकाकर्ताओं की जमीन का अधिग्रहण किया गया.”

अदालत ने आगे कहा, “जब इस अदालत ने नोएडा सीईओ को अवमानना की कार्यवाही के तहत समन जारी किया तो वह सुनवाई में अदालत के समक्ष पेश नहीं हुईं जिस पर उनके वकील ने उनके आने तक इस मामले पर सुनवाई नहीं करने का अनुरोध किया क्योंकि उनकी फ्लाईट देरी से उड़ी.”

अदालत ने कहा, “नोएडा सीईओ का यह आचरण जानबूझकर इस अदालत का अपमान करने के समान है क्योंकि मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्तर के अधिकारी ने सोचा कि अदालत उनकी दया पर इस मामले की सुनवाई करेगी. इसलिए यह अदालत नोएडा सीईओ के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी करती है.”

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