लंबे इंतेजार के बाद अब वह तारीख भी जल्द आने वाली है जब नोएडा के ट्विन टावर को गिराया जाएगा. इतनी ऊंची बिल्डिंग के विध्वंस का यह भारत में पहला मामला होगा. वहीं ट्विन टावर के पास एटीएस विलेज और एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के निवासियों का कहना है कि एक तरफ तो आज की तकनीकी पर उन्हें भरोसा है जो उनके फ्लैट और घर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा वहीं दूसरी तरफ डर भी है कि ट्विन टॉवर के गिराए जाने से तेज कंपन होगा, जिससे पास के टावर को क्षति पंहुच सकती है.
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रविवार (28 अगस्त) को करीब 7000 लोग आसपास के टॉवर को खाली कर सुबह करीब 7 बजे से शाम 4 बजे तक घर से बाहर रहने को मजबूर रहेंगे. आसपास के सोसायटी वालों में कुछ अपने रिश्तेदार के यहां तो कुछ दोस्तों के यहां चले जाएंगे. कुछ का कहना है कि वे कहीं घूमने निकल जाएंगे.
आरडब्ल्यूए ने की ये व्यवस्था
इधर आरडब्ल्यूए ने कहा कि उन्होंने दूसरी सोसायटी में इन रहवासियों के रुकने के इंतजाम करा दिए हैं. यदि वे चाहें तो परिवार के साथ सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक वहां रुक सकते हैं. दरअसल टॉवरों में विस्फोट दोपहर 2:30 बजे होगा. सुबह 7 बजे से सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता कर लिए जाएंगे.
एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष उदय भान सिंह तेवतिया ने बताया कि एमराल्ड कोर्ट में करीब साढ़े 3 हजार जबकि बराबर की सोसाइटी एटीएस विलेज में करीब साढ़े तीन हजार लोग इससे प्रभावित होंगे. उन्हें सुबह 7:00 बजे घर छोड़ने के लिए बोला गया है. ढाई बजे ब्लास्ट होने के बाद पहले एमराल्ड कोर्ट फिर एटीएस विलेज के हर टावर की गहनता से जांच होगी. फिर सब कुछ सही रहा तो क्लिरेंस दिया जाएगा. संभव है कि शाम चार बजे क्लीयरेंस आने के बाद सभी परिवार अपने-अपने घर मे प्रवेश कर सकते हैं.
आरडब्ल्यूए का पक्ष कोर्ट में मजबूत रहा- तेवतिया
उदयभान तेवतिया ने बताया कि 2012 से अब तक हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इस टावर के खिलाफ लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की है. ट्विन टावर को लेकर सुपरटेक तीन मुद्दों को लेकर कोर्ट में हारा है. नंबर एक फायर सेफ्टी, नंबर दो एक दूसरी सोसाइटी और इस टावर के बीच में गैप के साथ बहुत कम दूरी और तीसरा सुपरटेक ने इस ट्विन टावर को बनाते समय हम लोगों से कोई भी डिस्कशन नहीं किया था. जिसकी वजह से हमारा पक्ष मजबूत हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाते हुए इसे ढहाने का आदेश सुनाया है.
जिनके पास एक से ज्यादा कारें हैं उन्हें…
तेवतिया का कहना है कि जो तारीख सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई है यह तारीख हमें लगता है की आखिरी तारीख होगी. जिसमें ट्विन टावर गिरा दिया जाएगा. प्राधिकरण की ओर से 4 सितंबर तक का समय सेफ सेफ्टी के लिए लिया गया है. नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई, जिसमें उन्होंने बताया कि जिस रहवासी के पास एक से अधिक गाड़ियां हैं उनके पास खड़ी करने के लिए जगह नहीं है तो गाड़ियां हम अपने कब्जे में लेंगे और उन्हें एक जगह चिन्हित करके पार्क कराएंगे और डिमोलेशन के बाद पूरी तरह से जांच पड़ताल हो जाएगी तो उनकी गाड़ियां उन्हें सौंप दिया जाएगा.
28 अगस्त को ऐसी होगी सुरक्षा व्यवस्था
ट्विन टॉवर में बारूद लगने का काम पूरा हो गया है. सुरक्षित डिमोलिशन के लिए ट्विन टॉवर के चारों ओर 500 मीटर की दूरी तक नागरिकों, वाहनों व जानवरों के लिए आवागमन पूरी तरह से बंद रहेगा. इन सोसाइटियों का सिक्योरिटी स्टाफ दोपहर 12 बजे तक परिसरों की देखरेख के लिए रह सकता है. एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी में रहने वाले 28 अगस्त को सुबह 7 बजे फ्लैट खाली कर देंगे. डिमोलिशन का समय दोपहर 2:30 बजे का तय किया गया है. इसके बाद क्लीयरेंस मिलने पर शाम चार बजे के बाद लोग फ्लैट में वापस जा सकते हैं. इमरजेंसी सर्विस के लिए आवश्यक फायर टेंडर, एंबुलेंस वगैरह ट्विन टावर के सामने स्थित पार्क के पीछे निर्मित रोड पर खड़ी रहेंगी.
ऐसी होगी ट्रैफिक व्यवस्था
डीसीपी नोएडा ट्रैफिक गणेश शंकर शाह ने बताया कि डिमोलिशन के समय आसपास के सड़कों को आठ प्वाइंट पर बंद किया जाएगा. एक्सप्रेसवे को आधे घंटे के लिए बंद किया जाएगा. 10 प्वाइंट पर सुरक्षा दस्ता तैनात रहेगा, जो लोगों को निषेध क्षेत्र में जाने से रोकेगा. उत्तर दिशा में एमराल्ड कोर्ट के सामने निर्मित सड़क तक, दक्षिण दिशा में दिल्ली की ओर जाने वाली एक्सप्रेस वे की सर्विस रोड तक, पूर्व में सृष्टि व एटीएस विलेज के मध्य निर्मित सड़क तक और पश्चिम में पार्क से जुड़े फ्लाईओवर तक निषेध क्षेत्र घोषित किया गया है. यहां किसी के भी आवागमन पर रोक रहेगी.
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