गोरखपुर जिले के एक प्राइवेट अस्पताल में पिछले दिनों वैक्सीन लगने के बाद दो बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि एक बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है. मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया था. अब इस मामले में अस्पताल के कर्मचारी ने लिखित रूप से कबूल किया है कि नवजातों को अस्पताल में ही टीका लगाया गया था.
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क्या है पूरा मामला?
गोरखपुर के चरगांवा ब्लॉक के अंतर्गत करीमनगर स्थित ग्रीनलैंड हॉस्पिटल में 5 मार्च को तीन नवजात बच्चों को BCG, हेपेटाइटिस-B और पोलियो की वैक्सीन लगाई गई थी. थोड़ी देर बाद तीनों बच्चों के हालत बिगड़ने लगे थे. आनन-फानन में उन्हें BRD मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान अब तक दो बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि तीसरे की हालत गंभीर बनी हुई है.
सोमवार को ग्रीनलैंड अस्पताल के कर्मचारी बैजनाथ सीएमओ कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नंदलाल कुशवाहा के समक्ष अपना लिखित बयान दिया और उस पर हस्ताक्षर भी किया, जिसमें उन्होंने इसी अस्पताल में नवजातों को टीका लगाने की बात स्वीकार की है.
पुलिस ने अस्पताल किया सीज
वहीं, इस मामले में मृत बच्चों के परिजनों की तहरीर के आधार पर अस्पताल के प्रबंधक डॉ. सुधीर गुप्ता के खिलाफ पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है. साथ ही पुलिस ने हॉस्पिटल भी सील कर दिया है.
अधिकारी ने क्या कहा?
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नंदलाल कुशवाहा ने कहा कि ‘जिन तीन वायल से वैक्सीन लगाई गई थी, वे तीनों वायल और कुछ और खाली वायल जांच के लिए लखनऊ भेजे गए हैं. उसी बैच के कुछ वैक्सीनयुक्त वायल का भी नमूना लिया गया है. जल्द ही इन्हें भी जांच के लिए भेज दिया जाएगा. बच्चों को कौन सा टीका लगा. उसके बाद उन्हें क्या दिक्कत हुई, उन्हें कहां भर्ती कराया गया, परिजन ने क्या कहा, आदि की प्राथमिक रिपोर्ट लखनऊ मुख्यालय भेज दी गई है. जांच अभी चल रही है. जल्द ही जांच पूरी कर अंतिम रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी जाएगी.’
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