Gorakhpur News: रामचरितमानस को लेकर लगातार विवाद बढ़ता ही जा रहा है. रामचरितमानस की एच चौपाई को लेकर हंगामा मचा पड़ा है. इसी बीच गीता प्रेस के मैनेजर ने इस पूरे विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि विवादित शब्द 25 साल पहले ही संस्करण में आया है. शायद लोग उस समय रामचरितमानस को नहीं पढ़ पाए. अब उस शब्द को पढ़ रहे हैं. हमने जिस ताड़ना दंड को सही किया है उसका मतलब शिक्षा है. मगर लोग इस शब्द को अपने-अपने नजरिए और तरीके से देख रहे हैं.
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गीताप्रेस के मैंनेजर लालमणि तिवारी ने कहा कि आज कल एक चौपाई को लेकर लेकर विवाद चल रहा है. चौपाई है ‘ढोल गवांर शूद्र पशु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी’. ये समुद्र के मुंह से कही हुई बात है. ढोल गवार शूद्र सुद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी. इसको लेकर काफी विवाद हो रहा है. इसमें ताड़ना शब्द को लेकर काफी बातें कही जा रही हैं. बोला जा रहा है कि यह शब्द मारने-पीटने के लिए हैं. मगर ऐसा नहीं है. दंड और ताड़ना शब्द का अर्थ शिक्षा है.
उन्होंने आगे कहा कि 1999 में इस शब्द को हमने इसमें जोड़ा था, लेकिन दंड की परिभाषा लोगों ने अपने-अपने तरीके से मारना पीटना मान लिया. जबकि इसका अर्थ शिक्षा से था. हम लोग इस शब्द को पिछले 25 सालों से छाप रहे हैं.
उन्होंने कहा कि लोग अपने हिसाब से इसको मान रहे हैं, जबकि किसी भी शब्द के अर्थ का पता लगाने के लिए पहले उस शब्द की भाषा, प्रकृति और व्याकरण को देखा जाता है. देखा जाता है कि इसको बोलने वाले कौन लोग हैं. तब यह लिखा गया. ताड़ना शब्द का अर्थ शिक्षा से है. इसका ‘अर्थ शिक्षा के अधिकारी’ से है.
आपको बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री और समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद से यूपी की राजनीति में सियासी हंगामा मचा पड़ा है. बीते दिनों लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाई गई थी. इसको लेकर भाजपा और सपा आमने-सामने आ गई हैं.
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