Kanpur News: बीते गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले में आतंकवादियों ने भारतीय सेना पर हमला कर दिया. इस हमले में भारतीय सेना के 5 जवान शहीद हो गए. इसको लेकर पूरे देश में गुस्सा है. बता दें कि शहीद सैनिकों में एक सैनिक कानपुर का भी है.
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कानपुर शहर के चौबेपुर इलाके के भाऊपुर गांव के रहने वाले करण सिंह भी इस हमले में शहीद हो गए हैं. जैसे ही परिवार को बेटे के शहीद होने की खबर मिली, परिवार में कोहराम मच गया. आस-पास के लोग भी भारी संख्या में जमा होने शुरू हो गए. इस दौरान लोगों के अंदर पाकिस्तान और आतंकवाद को लेकर गुस्सा भी देखा गया.
फरवरी में परिजनों से मिलने आ रहे थे करण
बता दें कि शहीद सैनिक करण आखिरी बार अगस्त में अपने परिवार से मिलने घर आए थे. इस दौरान उन्होंने अपने पिता से कहा था कि वह फरवरी में घर फिर से आएंगे. मगर बेटे के आने से पहले ही अब उनके शहीद होने की खबर घर में आ गई.
2 छोटी बेटियों को छोड़ अमर हो गए करण सिंह
बता दें कि वीर शहीद करण सिंह के परिवार में उनके माता-पिता, 2 बहने और 1 भाई हैं. करण की शादी हो चुकी थी. उनकी 2 छोटी बेटियां भी हैं. ग्रामीणों का कहना है कि करण काफी वीर थे. ग्रामीण उनसे बहुत प्यार करते थे. लोगों का कहना है कि वह जब भी गांव में आते थे तो सभी से मिलते थे. सभी से प्यार से बात करते थे.
ग्रामीणों के मुताबिक, पहले खबर आई थी कि करण को पैर में गोली लगी है. फिर जब परिजनों ने आगे पता किया तो पता चला कि करण शहीद हो गए हैं. शहीद होने की खबर जैसे ही क्षेत्र में फैसी, क्षेत्र में मातम छा गया. आस-पास के ग्रामीणों ने भी शहीद के घर जमा होना शुरू कर दिया.
बता दें कि प्रशासन की तरफ से एडीएम समेत पुलिस के तमाम अधिकारी शहीद के परिजनों से मिलने पहुंचे. कर्ण सिंह यादव का शव आज यानी शुक्रवार देर रात गांव पहुंच सकता है. प्रशासन के द्वारा शहीद का पूरे राष्ट्रीय सम्मन के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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