कानपुर में इन इलाकों से अचानक क्यों हटाए जाने लगे ईंट-पत्थर? इस रिपोर्ट के बाद सतर्क हुए लोग

सिमर चावला

29 Feb 2024 (अपडेटेड: 29 Feb 2024, 05:45 PM)

कानपुर लोकल इंटेलिजेंस और खुफियां तंत्र ने बड़ा अंदेशा जताया है. लोकल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव के दौरान कानपुर में सामुदायिक सौहार्द बिगाड़ सकता है.

एलआईयू रिपोर्ट के बाद एक्शन

Kanpur

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Kanpur News: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पुलिस प्रशासन और खुफियां तंत्र एक्टिव हो गया है. लोकसभा चुनाव को शांति से करवाना हमेशा से ही पुलिस और खुफियां तंत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती रही है. इसी बीच एक रिपोर्ट ने कानपुर पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है.

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दरअसल कानपुर लोकल इंटेलिजेंस और खुफियां तंत्र ने बड़ा अंदेशा जताया है. लोकल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव के दौरान कानपुर में सामुदायिक सौहार्द बिगाड़ सकता है. शहर के संवेदनशील इलाकों में पड़ा मालवा और पत्थर से सामुदायिक सौहार्द बिगाड़ सकता है और हिंसा हो सकती है.

LIU ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस को चेताया 

बता दें कि कानपुर एलआईयू ने अपनी रिपोर्ट में शहर का जिक्र किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, शहर के 18 अति संवेदनशील क्षेत्रों में 21 स्थानों पर बड़ी मात्रा में ईंट और पत्थरों का ढेर मिला है. रिपोर्ट में अंदाजा जताया गया है कि अगर माहौल खराब होता है तो हिंसा में इन ईटों और पत्थरों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

मुस्लिम क्षेत्रों से हटवाया जाए ईटों-पत्थरों का ढेर

एलआईयू की रिपोर्ट के मुताबिक, सांप्रदायिक सद्भाव प्रभावित होने की स्थिति में उग्र भीड़ विभिन्न क्षेत्रों, गलियों में पड़े ईंट-पत्थरों व मलबा का इस्तेमाल पत्थरबाजी में रूप में कर सकती है. रिपोर्ट में प्रशासन से कहा गया है कि शहर के मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों, मुस्लिम बाहुल्य वाले क्षेत्रों की गलियों में पड़ा ईट और पत्थरों को फौरन हटवाया जाए. 

मलबे हो हटवाया जा रहा

बता दें कि एलआईयू ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में सचेत कर दिया है. इस संबंध में एक पत्र जिलाधिकारी कानपुर को भी लिखा गया है. कानपुर जिला अधिकारी ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर शहर के संवेदनशील इलाकों से पत्थर-मलवा हटाने को कहा गया है. इस आदेश के बाद शहर में अभियान चलाकर जेसीबी के द्वारा सभी संवेदनशील इलाकों से पत्थर और मलबे को हटवाया जा रहा है. एलआईयू की रिपोर्ट को कानपुर का प्रशासन पूरी गंभीरता के साथ ले रहा है.

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