अयोध्या : मुआवजे की असली तस्वीर, राम पथ पर जिन लोगों के टूटे घर और दुकान...उन्होंने बताई सच्चाई

अभिषेक मिश्रा

03 Jul 2024 (अपडेटेड: 03 Jul 2024, 03:12 PM)

Ayodhya News : लोकसभा में कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को अयोध्या में लोगों को उचित मुआवजा नहीं देने का आरोप लगाया, जिसके बाद सीएम योगी ने भी पलटवार किया.

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Ayodhya News : लोकसभा में कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को अयोध्या में लोगों को उचित मुआवजा नहीं देने का आरोप लगाया, जिसके तुरंत बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता पर सदन में गलत बयान देने आरोप लगाया. वहीं  योगी सरकार के आंकड़ों की बात करें तो अयोध्या के लोगों को मुआवजे के रूप में 1,733 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। चाहे राम पथ हो, भक्ति पथ हो, जन्मभूमि पथ हो या एयरपोर्ट, जिनकी जमीन, दुकान या मकान प्रभावित हुए, उन्हें मुआवजा दिया गया है. 

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सरकार का ये दावा

उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि उन लोगों के लिए दुकानें बनाई हैं, जिनके पास जगह थी और जिनके पास नहीं थी, उनके लिए हमने बहु-स्तरीय परिसरों का निर्माण किया है. अयोध्या में सड़कों के चौड़ीकरण और एयरपोर्ट के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण के लिए 2000 से ज्यादा घरों और दुकानों को भी तोड़ा गया. जिसके बदले में सरकार ने मुआवजा दिया. यह मुआवजा सर्किल रेट के मुताबिक दिया गया जिसमें खास तौर पर एयरपोर्ट के इलाके में 12 लाख प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया गया है. वहीं शहरी क्षेत्र में आने वाली जमीन का मुआवजा 75 लाख प्रति बीघा के हिसाब से दिया गया. 

कितना मिला मुआवजा 

राज्य सरकार दावों के मुताबितक, अयोध्या एयरपोर्ट के निर्माण से प्रभावित लोगों को 952.39 करोड़ रुपये, अयोध्या बाईपास (रिंग रोड) के लिए 295 करोड़ रुपये, राम जन्मभूमि पथ के लिए 14.12 करोड़ रुपये, भक्ति पथ के लिए 23.66 करोड़ रुपये, 114.69 रुपये का मुआवजा दिया गया. रामपथ के लिए करोड़, 29 करोड़ रुपयेपंचकोसी परिक्रमा मार्ग, चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग के लिए 119.20 करोड़ रुपये, रुदौली और रोजागांव रेलवे स्टेशनों के बीच रेलवे दोहरीकरण के लिए 35.03 लाख रुपये, एनएच 330 ए के निर्माण के लिए 163.90 करोड़ रुपये, एनएच 227 बी के पैकेज 3 के तहत 21.09 करोड़ रुपये दिए गए. 

खूब हो रही सियासत

अयोध्या पर राज्य सरकार ने मुआवजे को लेकर अपना आंकड़ा पेश किया तो वहीं मुआवजे को लेकर सियासत भी तेज हुई. जिसमें अयोध्या के लोगों को मुआवजा न दिए जाने की बात सामने आई. यूपी तक की टीम अयोध्या के उन इलाकों में पहुंची जहां पर अलग-अलग परियोजनाओं के लिए दुकानों और घरों को तोड़ा गया और उसका मुआवजा किस हिसाब से दिया गया. अयोध्या के लोग मुआवजा मिलने की बात तो मानते हैं लेकिन साथ में यह भी कहते हैं कि मुआवजा इतना नहीं मिला था जिससे नुकसान की भरपाई हो सके.

जिनके घर टूटे उन्होंने क्या बताया

यूपी तक की टीम अयोध्या के धर्मपुर गांव से एयरपोर्ट के विस्तार के लिए विस्थापित परिवारों से मिली और जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की. एयरपोर्ट के विस्तार के लिए विस्थापित परिवारों को 12 लाख प्रति बीघा के मुताबिक मुआवजा दिया गया. ज्यादातर लोग इसमें मुआवजा मिलने की बात तो स्वीकारते हैं लेकिन इसे ज्यादा नहीं बताते हैं. 50 साल के रामकुमार यूपीतक से बात करते हुए कहते हैं कि,'उनकी पांच बीघा जमीन एयरपोर्ट के काम के लिए गई जिसके लिए उन्हें लगभग 60 लाख रुपए मिले हैं. लेकिन यह पैसा पूरा घर बनाने चलाने और आमदनी के साधन के लिए पूरा नहीं है. अभी भी रहने वाले इलाके में सड़क और नाली का काम पूरा नहीं हुआ है और दिक्कतें मौजूद हैं.'

वहीं 65 साल की शांति देवी कहती हैं कि, 'उनका 12 लोगों का परिवार है और लगभग 6 बीघा जमीन एयरपोर्ट के काम में गई. उन्हें लगभग 75 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर मिले लेकिन इतने पैसे में पूरे परिवार को चलाना और मकान बनाने में पूरा नहीं पड़ रहा. जो खेत खाने और आय के साधन थे वह खत्म हो गए और अब जो मुआवजा दिया गया है वह बाकियों की तुलना में काम है.' वह कहती हैं कि इस इलाके में दूसरी तरफ 75 लाख प्रति बीघा के मुताबिक भी मुआवजा दिया गया, जिससे वह वंचित रहे. अब इतने पैसे में ही घर से लेकर काम सब कुछ संभालना पड़ रहा है, जो पूरा नहीं है.
 

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