Sanjeev Jiva Murder News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खूंखार गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जीवा की लखनऊ की एक कोर्ट में बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई. वारदात के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई. मिली जानकारी के अनुसार, जीवा को मारने वाले एक बदमाश को गिरफ्तार कर लिया गया है. बता दें कि इस दौरान जो गोली जीवा के लिए चली थी वो वहां मौजूद एक महिला और उसकी बच्ची को भी जा लगी. वहीं, इस घटना के चश्मदीद एक वकील ने अपना आंखों देखा हाल यूपी तक को सुनाया है.
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वकील ने बताया, “पेशी के लिए इंतजार हो रहा था. महिला आई थी, उसकी गोद में बच्ची थी. बाहर खड़े होकर यहां पर इंतजार किया जा रहा था. अचानक महिला के अंगूठे में गोली लगी और बच्ची के पीठ से होते हुए पेट से गोली निकल गई. पुलिस कॉन्स्टेबल संजीव के भी गोली लगी, वह 10 से 15 मिनट से बेसुध पड़ा रहा.” उन्होंने बताया कि शूटर अधिवक्ता की ड्रेस में आया था.
कौन था संजीव जीवा
पुलिस के अनुसार, 5 फीट 7 इंच लंबा संजीव जीवा मूल रूप से मुजफ्फरनगर के शाहपुर थाना क्षेत्र के आदमपुर गांव का रहने वाला था. उसका हालिया पता प्रेमपुरी, थाना कोतवाली मुजफ्फरनगर है. वहीं, उसका दिल्ली के सोनिया विहार में भी एक अस्थाई मकान है. जीवा ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी.
जीवा की सुशिल मूंछ से चल रही थी वर्चस्व की लड़ाई!
बता दें कि संजीव जीवा वर्तमान में जिला कारागार लखनऊ में बंद था. पुलिस के अनुसार, पश्चिमी यूपी में वर्तमान समय में सुशील मूंछ और संजीव जीवा में वर्चव की लड़ाई चल रही थी. लड़ाई का कारण प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा और रंगदारी था. साल लगभग 2006-07 में जीवा गैंग के द्वारा सुशील गैंग के हरवीर सिंह की हत्या कर दी गई थी, जिसको लेकर आज भी दोनो गैंगों में पूरी तरह तनाव रहता है.
जीवा पहले करता था नाजिम के लिए काम
पुलिस के अनुसार, संजीव जीवा सर्वप्रथम नाजिम जो कि ज्वालापुर हरिद्वार का रहने वाला है के गैंग में रहकर अपराध करता था. इस गैंग के नाजिम समेत संजीव जीवा, सतेंद्र, बलवेंद्र, जितेंद्र उर्फ भूरी, पवन, अमरजीत उर्फ बबलू, रमेश ठाकुर सदस्य थे. तथा यह गैंग हरिद्वार, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर में अपहरण, डकैती, हत्या व लूट आदि जैसे जघन्य अपराध करता था.
जीवा पर है ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोप
इस गैंग द्वारा पूर्व विद्युत मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की फैजाबाद में हत्या कर दी गई थी, जिसमें कोर्ट द्वारा 20 वर्ष की सजा सुनाई गई है. इस गैंग के सदस्य भूरी और रमेश ठाकुर पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं.
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