लक्ष्मणपुर से लेकर लखनऊ तक…यहां जानिए इस शहर का पूरा इतिहास

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01 Jul 2023 (अपडेटेड: 01 Jul 2023, 09:43 AM)

History of Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ हमेशा एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है. यह शहर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ…

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History of Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ हमेशा एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है. यह शहर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ शिष्टाचार, सुंदर उद्यान, कविता, संगीत और भोजन के लिए देश नहीं बल्कि विदेश में भी मशहूर है. लखनऊ को पूर्व में गोल्डन सिटी और शिराज-ए-हिंद के नाम से भी जाना जाता था.

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आइए लखनऊ का पूरा इतिहास जानते हैं-

प्राचीन और मध्यकालीन युग:

लखनऊ का इतिहास प्राचीन काल से मिलता है, जब यह अवध क्षेत्र का हिस्सा था. शहर का प्रारंभिक इतिहास हिंदू महाकाव्य, रामायण से निकटता से जुड़ा हुआ है. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसकी स्थापना भगवान राम के भाई लक्ष्मण ने की थी. सदियों से, लखनऊ ने मौर्य, गुप्त और दिल्ली सल्तनत सहित विभिन्न राजवंशों का उत्थान और पतन देखा है.

मुगल प्रभाव:

16वीं सदी में लखनऊ मुगल साम्राज्य के अधीन आ गया था. तीसरे मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान इसे प्रमुखता मिली, जिन्होंने इस क्षेत्र में कई प्रशासनिक सुधार स्थापित किए. हालांकि, यह चौथे सम्राट जहांगीर के शासनकाल के दौरान था कि लखनऊ वास्तव में कला, संस्कृति और व्यापार के केंद्र के रूप में विकसित हुआ.

नवाबी युग:

लखनऊ के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण चरण 18वीं शताब्दी में शुरू हुआ जब यह अवध नवाबों की राजधानी बन गई. अवध के नवाबों, विशेष रूप से आसफ-उद-दौला और वाजिद अली शाह ने शहर की वास्तुकला, भोजन और सांस्कृतिक परिवेश को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. लखनऊ वास्तुकला की अपनी विशिष्ट शैली के लिए प्रसिद्ध हो गया, जिसे “नवाबी वास्तुकला” के रूप में जाना जाता है, जो अलंकृत इमारतों, जटिल रूपांकनों और सुंदर उद्यानों की विशेषता है.

ब्रिटिश शासन और 1857 का विद्रोह:

भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बढ़ते प्रभाव के साथ, 19वीं शताब्दी की शुरुआत में लखनऊ ब्रिटिश नियंत्रण में आ गया. यह शहर ब्रिटिश प्रशासन का एक प्रमुख केंद्र बन गया और इस अवधि के दौरान कई भव्य इमारतों का निर्माण किया गया. हालांकि, लखनऊ ने 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान एक महत्वपूर्ण घटना भी देखी, जब यह ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का गढ़ बन गया. लखनऊ की घेराबंदी, विद्रोह के एक महत्वपूर्ण प्रकरण ने शहर के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी.

स्वतंत्रता के बाद का युग:

1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने के बाद, लखनऊ भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी बन गया. यह शहर संस्कृति, शिक्षा और राजनीति के केंद्र के रूप में विकसित होता रहा. इसने साहित्य, कला और शासन सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को जन्म दिया है. आज, लखनऊ एक जीवंत शहर है जो अपनी ऐतिहासिक भव्यता को आधुनिक विकास के साथ सहजता से जोड़ता है.

लखनऊ का इतिहास विभिन्न राजवंशों, सांस्कृतिक प्रभावों और ऐतिहासिक घटनाओं का एक संग्रह है जिसने इसकी पहचान को आकार दिया है. अपनी प्राचीन उत्पत्ति से लेकर नवाबों के गौरवशाली दिनों और स्वतंत्रता के संघर्ष तक, लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी की समृद्ध विरासत और विरासत के प्रमाण के रूप में खड़ा है.

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