Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने 17 वर्ष पहले हुई दो लोगों की हत्या के मामले में पिता-पुत्र को मौत की सजा सुनाई है. त्वरित अदालत के अपर सत्र न्यायाधीश फूलचंद कुशवाहा ने राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में बसंत सिनेमा के प्रथम तल पर बनी दुकानों पर अवैध कब्जे का विरोध करने पर कृष्ण कुमार गुप्ता व उनके बेटे कपिल गुप्ता की गोली मारकर हत्या करने के जुर्म में विजय प्रकाश शर्मा व उसके बेटे धीरज शर्मा को फांसी की सजा सुनाई है.
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बता दें कि अदालत ने अभियुक्तों पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि अर्थदंड की समस्त धनराशि दस लाख रुपये में से आठ लाख रुपये बतौर क्षतिपूर्ति मृतक के आश्रितों को दिया जाए.
मामले को विस्तार से यहां जानिए
गौरतलब है कि 2005 में हजरतगंज के बसंत टॉकीज के प्रथम तल पर मृतक कृष्ण कुमार गुप्ता ने जमीन खरीदी थी और फिर उन्होंने दुकान बनवाने का काम शुरू किया. बता दें कि यहीं पर विजय शर्मा सिक्योरिटी एजेंसी का ऑफिस चलाता था. बताया जाता है कि मृतक कृष्ण कुमार गुप्ता द्वारा खरीदी गई जमीन को लेकर दोनों में विवाद हो गया और खरीदी हुई जमीन पर विजय शर्मा अपना दावा करने लगा. इसे लेकर दोनों के बीच अक्सर विवाद होने लगा.
वहीं, इसी बीच एक दिन जब कृष्ण कुमार गुप्ता और उनका बेटा कपिल गुप्ता ऑफिस में काम कर रहे थे तभी विजय शर्मा और उसका बेटा धीरज शर्मा आ धमके और देखते ही देखते लड़के धीरज ने बंदूक की गोलियों से पिता-पुत्र का सीना छलनी कर दिया. इसके चलते दोनों की मृत्यु हो गई. घटना के बाद बिल्डर उदय स्वरूप राज ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई और शुक्रवार को इसी मामले में कोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है.
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