Uttar Pradesh News : हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आई वेब सीरीज ‘फर्जी’ (Farzi) ने चारों तरफ सुर्खियां बटोर रही है. बॉलीवुड सुपरस्टार शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) स्टारर इस सीरीज को लोगों ने काफी पंसद किया. पर इस वेब सीरीज के निर्देशों को इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं होगा कि इसे देख कुछ लोग अपराध की दुनिया में कदम रख देंगे. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow News) में ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां कुछ युवकों ने सीरज देखकर नकली नोट छापने का धंधा शुरू किया, अब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
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धड़ाधड़ छाप रहे थे नकली नोट
बता दें कि लखनऊ पुलिस ने वेब सीरीज देखने के बाद नकली नोट छापने वाले गैंग के सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़ा गया गैंग प्रिंटर के जरिए 500, 200 और 100 रुपए के नोट छापता था. गैंग इंस्टाग्राम टेलीग्राम फेसबुक के जरिए कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैले नकली नोट के सौदागरों के साथ धंधा कर रहा था. पुलिस को गैंग से बरामद मोबाइल फोन के जरिए राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल में नकली नोट के सौदागरों के बारे में भी जानकारी हासिल हुई है.
सोशल मीडिया बना हथियार
गैंग सरगना रवि प्रकाश उर्फ अविनाश पांडे के साथ-साथ विकास दुबे, विकास सिंह, विकास भारद्वाज और उत्कर्ष द्विवेदी को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया तो उनके पास से 3 लाख 20,000 के नकली नोट बरामद हुए. पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला 20,000 के एवज में एक लाख के नकली नोट सप्लाई की जाती थी. नकली नोटों की सप्लाई के लिए इंस्टाग्राम टेलीग्राम, फेसबुक के जरिए इनके खरीदार और सप्लायर संपर्क में थे. शुरुआती जांच में पता चला है कि उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश उड़ीसा, पश्चिम बंगाल से लेकर दक्षिण भारत के तमाम राज्यों में इस सिंडिकेट से जुड़े लोग नकली नोट का धंधा कर रहे हैं. पुलिस को उनके मोबाइल फोन से इंस्टाग्राम फेसबुक टेलीग्राम पर नकली नोट सप्लाई के लिए बनाए गए ग्रुप की भी जानकारी मिली है.
पुलिस ने दी ये जानकारी
वहीं इस मामसे में डीसीपी उत्तरी कासिम अब्दी का कहना है कि, ‘अभी हमें इस गैंग से जुड़े कई अन्य लोगों के बारे में भी अहम जानकारी हाथ लगी है. उम्मीद है कि जल्द इस सिंडिकेट में शामिल कुछ और लोग भी गिरफ्तार होंगे. लेकिन इतना जरूर है कि वेब सीरीज देखकर सोशल मीडिया के जरिए नकली नोट सप्लाई करने वाला यह गैंग असल नोट के हूबहू नकली नोट छापने लगा था. हर बार नकली नोट को बेहतर छापने की कोशिश में तब्दीली करते थे. नतीजा मौजूदा समय में बरामद नकली नोट ऐसे है कि आसानी से कोई भी व्यक्ति पकड़ में नहीं पाता कि यह नकली नोट उसके पास पहुंचा है.’
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