राजाजीपुरम का ई-ब्लॉक चौराहा अब राजू श्रीवास्तव के नाम से जाना जाएगा: लखनऊ मेयर

सत्यम मिश्रा

• 03:34 AM • 13 Oct 2022

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित विश्वेश्वरैया हॉल में हास्य कलाकार दिवंगत राजू श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. कार्यक्रम में डिप्टी सीएम…

UPTAK
follow google news

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित विश्वेश्वरैया हॉल में हास्य कलाकार दिवंगत राजू श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मेयर संयुक्ता भाटिया, मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार अवनीश अवस्थी और उनकी पत्नी लोक गायिका मालिनी अवस्थी मौजूद रहीं और सबने श्रद्धांजलि अर्पित की. लखनऊ मेयर संयुक्ता भाटिया ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ऐलान किया कि ‘राजू श्रीवास्तव जी की ससुराल राजाजीपुरम में है औऱ जो आवास के निकट का ई ब्लॉक चौराहा है, उसे अब राजू श्रीवास्तव जी के नाम से जाना जाएगा.’

यह भी पढ़ें...

मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा, “राजू श्रीवास्तव लखनऊ वासियों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे. उनकी याद हम सबके दिलों में सदैव बनी रहेगी.”

वहीं, सूबे के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने राजू श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ बिताए गए लखनऊ विश्वविद्यालय के दिनों को याद करते हुए कहा,

“बात 1986-87 की है जब मैं लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ का अध्यक्ष नहीं बना था. तब राजू श्रीवास्तव जी की टी-सीरीज की कैसेट आई थी “गजोधर भाई” के नाम से और वह कैसेट लेकर वे स्कूटर से हम लोगों को सुनाने आए थे. हम लोग हंसते हंसते लोटपोट हो जाया करते थे. बड़ा आनंद आता था सुनकर और फिर राजू श्रीवास्तव को लोग “गजोधर भाई” के नाम से धीरे-धीरे जाने लगे और वह इसी नाम से विख्यात हो गए.”

ब्रजेश पाठक

बृजेश पाठक ने हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव याद करते हुए कहा कि, ‘राजू भाई जब तक इस दुनिया में रहे, भले ही उनके हृदय में कितना भी कष्ट रहा हो लेकिन वह सब को हंसाते थे. विपरीत परिस्थितियों में आपको कैसे हंसाना है यह हम सबको राजू श्रीवास्तव से सीखना चाहिए.’

बृजेश पाठक ने राजू श्रीवास्तव के साथ बिताए हुए लम्हों को याद करते हुए कहा, “तकरीबन 10 साल पुरानी बात है, राजू जी के मुंबई वाले फ्लैट के अंदर एक चोर घुस आया और उस दौरान भाभी जी ने और बिटिया ने चोर को भगाया लेकिन यह वर्णन जब राजू भाई हम लोगों से करते थे तो अपने अंदाज में इसे बयां करते थे और कहते थे कि, धर्मपत्नी के अंदर दुर्गा मां आ गई थी और तलवार लेकर उन्होंने चोर को खदेड़ दिया. राजू भाई अपने तरीके से वर्णन करते थे, जो हम लोग सुनकर हंसते हुए लोटपोट हो जाते थे. जब वह बताते थे तो मानों लगता था कि सभी दृश्य आंखों के सामने से गुजर रहे हों.”

ब्रजेश पाठक ने श्रद्धांजलि सभा में आगे यह भी कहा कि ‘जब राजू श्रीवास्तव जी को उत्तर प्रदेश फिल्म बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया था, वह यूपी में फिल्म से संबंधित क्षेत्रों का कैसे विकास हो अक्सर इसकी चर्चा किया करते थे और हमेशा प्रयत्नशील रहते थे. वह परिकल्पना धीरे-धीरे दिख भी रही है. आप देखते होंगे कि लखनऊ, अयोध्या, नोएडा और हर जगह की गलियों में अब फिल्में बन रही हैं. गांव के घरों को किराए पर मुंबई के कलाकार लेते हैं और वहां फिल्मांकन किया जाता है. आज मुंबई के कई कलाकार उत्तर प्रदेश में रह रहे हैं और काम कर रहे हैं. इसका श्रेय अगर किसी को जाता है तो सिर्फ और सिर्फ राजू श्रीवास्तव हो जाता है और किसी को नहीं.’

उन्होंने कहा, “राजू श्रीवास्तव बहुत दूरदर्शिता वाले व्यक्ति थे, लेकिन अब हमारे बीच नहीं रहे मुझे उनके जाने का बहुत गम है.”

इस गांव में गुजरा था राजू श्रीवास्तव का बचपन, इनके खास किरदार ‘गजोधर’ भी यहीं के थे

    follow whatsapp