फरवरी 2017 में लखनऊ के चर्चित श्रवण साहू हत्याकांड में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी जांच के दौरान मंजिल सैनी को श्रवण साहू की सुरक्षा में लापरवाही बरतने का दोषी माना है. सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने यूपी के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मंजिल सैनी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है.
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1 फरवरी 2017 को लखनऊ के सआदतगंज इलाके में व्यापारी श्रवण साहू की बाइक सवार बदमाशों ने दुकान में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी थी. अक्टूबर 2013 में श्रवण साहू के बेटे आयुष की लखनऊ के हिस्ट्रीशीटर अकील अंसारी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. ठाकुरगंज इलाके में बेटे की हत्या में श्रवण साहू लगातार पैरवी कर रहे थे.
जेल में बंद अकील अंसारी की तरफ से श्रवण साहू को बयान से मुकरने और केस में पैरवी ना करने के लिए लगातार धमकी दी जा रही थी. फोन पर मिल रही धमकियों को लेकर श्रवण साहू ने तत्कालीन एसएसपी लखनऊ मंजिल सैनी से मुलाकात कर सुरक्षा की गुहार लगाई थी. लेकिन श्रवण साहू को सुरक्षा नहीं मिली. इसके उलट आयुष साहू हत्याकांड के आरोपियों ने एक साजिश के तहत श्रवण साहू पर ही केस दर्ज करवा दिया था. फरवरी 2017 में श्रवण साहू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
चुनावी माहौल के बीच लखनऊ में हुई इस हत्या पर तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए. सीबीआई के लखनऊ स्टेट क्राइम ब्रांच यूनिट ने जांच शुरू की. शुरुआती जांच में ही अगस्त 2017 को तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी से भी सीबीआई ने पूछताछ की.
सीबीआई ने श्रवण साहू हत्याकांड में मुख्य आरोपी अकील अंसारी समेत सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी पहले ही दाखिल कर चुकी है.
अब सीबीआई ने श्रवण साहू की सुरक्षा में लापरवाही बरतने और जेल में बंद हत्यारोपी के द्वारा श्रवण साहू को ही फर्जी केस में फंसाने के मामले को देखते हुए सीबीआई ने एसएसपी मंजिल सैनी के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है. 2005 बैच की आईपीएस मंजिल सैनी वर्तमान में डीआईजी हैं और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में तैनात हैं.
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