उत्तर प्रदेश में जनता अघोषित बिजली कटौती से काफी परेशानी हो रही है. गांव और शहर, दोनों जगहों लोग बिजली की कटौती से परेशान हैं. ऐसे में यूपी तक की टीम मामले की समस्या को देखते हुए जा पहुंची उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन ऑफिस और जानने की कोशिश कि क्यों इन दिनों इतनी ज्यादा बिजली कटौती की जा रही है.
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यूपी तक की टीम जब उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन देवराज से बातचीत करने की पहुंची तो उन्होंने मिलने से मना कर दिया और वह अंदर कमरे में बैठे रहे. यहां तक हमने कई घंटों इंतजार भी किया, लेकिन वह अघोषित कटौती पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं दिखे.
इसके बाद हम उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के एमडी पंकज कुमार के गेट पर जा पहुंचे तो देखा कि उन्होंने भी हमसे मिलने से मना कर दिया और साफ तौर पर कहा कि वह इस विषय पर कुछ नहीं बोलना चाहते हैं. उन्होंने हमें अंदर आने से मना कर दिया. बिजली की अघोषित कटौती के सवाल पर विभाग के सभी जिम्मेदार अधिकारी बात करने से बचते नजर आए.
वहीं जब यूपी तक टीम बिजली विभाग के इंदिरा भवन और जवाहर भवन स्थित कार्यालय पहुंची तो हमने देखा कि बिजली की अघोषित कटौती कितने समय तक होती है. हालांकि इस दौरान लाइट-फैन सब चलता हुआ मिला और यहां बिजली कटौती ना के बराबर देखने को मिली.
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा के मुताबिक, “सरकार के पास पर्याप्त लाइट नहीं है और खपत ज्यादा है सरकार के पास कोयले की भी कमी है, जिसकी वजह से दिक्कतें बढ़ रही हैं. दूसरा कारण यह भी है इलेक्ट्रिक टेप भी बराबर डाउन की जा रही है.”
उन्होंने आगे कहा, “गांव में 18 घंटे का शेड्यूल है, जबकि इस समय औसतन 13.45 घंटे आपूर्ति हो पा रही है, मगर कस्बों में 21.30 मिनट का शेड्यूल है. 18 घंटे 45 मिनट बिजली मिल पा रही है और तहसीलों पर 21.30 घंटे के स्थान पर 19 घंटे ही आपूर्ति मिल पा रही है.”
उत्तर प्रदेश सरकार बिजली की पर्याप्त व्यवस्था नहीं कर पा रही: अखिलेश यादव
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