बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने हाल ही में रामचरित मानस (Ramcharit Manas) को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, इसके बाद जमकर हंगामा हुआ था. लेकिन अब समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने भी रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने साथ ही इस पूरी पुस्तक को बैन करने की मांग की है. इस बयान के बाद सपा नेता चौतरफा घिर गए हैं, एक तरफ उनपर भाजपा हमलावर है तो दूसरी तरफ संत और हिन्दू संगठनों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है.
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स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान के बाद लखनऊ में एक मंदिर में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. ये रोक एक पोस्टर के जरिए लगाई गई है.
बता दें कि ये पोस्टर यूपी की राजधानी लखनऊ के प्राचीन लेटे हनुमान मंदिर के बाहर लगाया गया है जिसमें मौर्य को अधर्मी बताते हुए मंदिर में प्रवेश पर रोक लगाने का ऐलान किया गया है. स्वामी प्रसाद मौर्य अपने इस बयान को लेकर चौतरफा घिरे हुए हैं. सिर्फ हिंदू ही नहीं मुस्लिम धर्मगुरु भी इस बयान पर कड़ी आपत्ति जता चुके हैं. मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मैं स्वामी प्रसाद के बयान की मज्जमत करता हूं. स्वामी प्रसाद मौर्या के रामचरित मानस पर दिए गए बयान के खिलाफ राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं लखनऊ में सपा नेता के खिलाफ तीन थानों में तहरीर दी गई है.
रामचरितमानस पर सबसे पहले यह विवाद बिहार से शुरू हुआ था जहां शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने इसे नफरत फैलाने वाला पुस्तक बताया था.
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने र्म रविवार को यूपीतक से बात करते हुए कहा था कि कोई भी हो, हम उसका सम्मान करते हैं. लेकिन धर्म के नाम पर जाति विशेष, वर्ग विशेष को अपमानित करने का काम किया गया है, हम उस पर आपत्ति दर्ज कराते हैं. रामचरितमानस में एक चौपाई लिखी है, जिसमें तुलसीदास शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान हो, उसका सम्मान मत करिए. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं. ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो.
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