लखनऊ में नाले में मिली महिला कॉन्स्टेबल की लाश मामला में पुलिस ने बड़े खुलासे का दावा किया है. पुलिस ने दावा किया है है कि महिला कॉन्स्टेबल की हत्या की गई है. पुलिस के मुताबिक तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव ने अपने साथी के साथ मिलकर पूरी घटना को अंजाम दिया, जिसकी जानकारी पद्मेश की पत्नी को भी थी. पद्मेश की पत्नी प्रगति श्रीवास्तव भी इस योजना में शुरुआत से शामिल थी. प्रतापगढ़ के तहसीलदार ने महिला पुलिस कॉन्स्टेबल से पीछा छुड़ाने के लिए उसकी हत्या कर दी.
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डीसीपी ईस्ट अमित कुमार आनंद ने बताया कि 17 फरवरी को पीजीआई नाले में एक महिला का शव बरामद हुआ था. इसके बाद ईस्ट जोन की क्राइम ब्रांच की टीम और थाना पीजीआई की टीम खुलासे में लगी हुई थी. 19 तारीख को पता चला है कि,जो शव मिला है वह महिला आरक्षी का है, जो पुलिस मुख्यालय में काम करती थी और जिनका नाम रुचि सिंह चौहान है. इनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना सुशांत गोल्फ सिटी में दर्ज की गई थी. नाले में मिली लाश के शिनाख्त के लिए महिला कॉन्स्टेबल के परिजनों को भी बिजनौर से बुलाया गया. उन्होंने जब इसकी पुष्टि की तो तहरीर के आधार पर थाना पीजीआई में मुकदमा पंजीकृत किया गया.
पुलिस कॉन्स्टेबल के संबंध प्रतापगढ़ल के रानीगंज के तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव से थे. डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस अमित कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि पद्मेश श्रीवास्तव 12 तारीख को लखनऊ आए थे. उनकी लास्ट लोकेशन यहीं दिखा रही थी. शक के आधार पर जब पद्मेश से पूछताछ की गई तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. पद्मेश ने बताया कि वह डेढ़ साल से रुचि को जानते थे और फेसबुक के माध्यम से जान पहचान हुई थी. रुचि के साथ उसके संबंध भी थे.
रुचि की शादी पहले हो चुकी थी. उसके पति के साथ उसका विवाद चल रहा था और डाइवोर्स की प्रोसिडिंग भी चल रही थी. तलाक की प्रक्रिया फाइनल हो रही थी. इसी के चलते रुचि पद्मेश पर शादी का दबाव बना रही थी. पद्मेश ने शादी करने से मना कर दिया क्योंकि वह पहले से ही शादी-शुदा था. पुलिस के मुताबिक जब रुचि ज्यादा दबाव बनाने लगी तो पद्मेश ने यह बात अपनी पत्नी से भी शेयर की. इसके बाद दोनों ने प्लान किया कि इसको रास्ते से हटाना होगा तभी निजात मिलेगी.
इसी वजह से पद्मेश 12 तारीख को प्रतापगढ़ से लखनऊ आया और वृंदावन एरिया में रुचि को बुलाकर मिला. डीसीपी ने बताया कि रुचि और पद्मेश की लोकेशन एक साथ ही वृंदावन की दिखा रही थी और पद्मेश ने आखिरी कॉल रुचि को ही किया था. इस दौरान पद्मेश के साथी नामवर सिंह ने जूस में नशे की गोलियां मिलाकर रुचि को नशे की हालत में कर दिया. फिर गाड़ी में रख कर नाले में जा कर फेंक दिया. मौत सुनिश्चित हो जाए इसके लिए रुचि का मुंह और गला दबाया गया, साथ ही साथ सिर पर भी मारा गया.
पुलिस ने बताया है कि पोस्टमॉर्टम में सिर पर चोट के निशान मिले हैं. आरोपी नामवर सिंह मूल रूप से प्रतापगढ़ का रहने वाला है, जोकि लखनऊ के कल्ली पश्चिम में रहता है. नामवर के जमीन का दाखिल खारिज का मामला पद्मेश की तहसीलदार कोर्ट में चल रहा था. मामले को खत्म करने के लिए नामवर ने तहसीलदार की योजना में उसका साथ दिया. घटना हो जाने के बाद नामवर ने पद्मेश की पत्नी को भी फोन किया और बताया कि हत्या कर दी गई है. इस पूरे घटना में पद्मेश श्रीवास्तव की पत्नी प्रगति श्रीवास्तव भी शामिल है.
डीसीपी ने बताया कि थाना पीजीआई और सर्विलांस की टीम द्वारा घटना का उजागर करते हुए पुलिस द्वारा तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा रहा है. वृंदावन एरिया से जहां इन लोगों ने नाले में लाश फेंकी थी उसकी दूरी लगभग साढ़े तीन किलोमीटर है. वह सुनसान क्षेत्र है इसलिए इन्होंने इसका फायदा उठाते हुए इसी जगह को चुना. महिला कॉन्स्टेबल 2019 बैच की थी जोकि बिजनौर की रहने वाली थी वर्तमान मे पुलिस मुख्यालय में अटैच थी.
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