Lucknow News: मंगलवार, 21 नवंबर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक दुखद खबर सामने आई. दरअसल, यहां पुलिस मुख्यालय में तैनात ACP श्वेता श्रीवास्तव के 10 साल के बेटे नैमिश श्रीवास्तव को एक कार ने कुचल दिया. आपको बता दें कि यह सड़क हादसा दो मनबढ़ों युवकों के तेज गाड़ी चलाने की लत का नतीजा रहा और ACP का इकलौता बेटा उनसे बिछड़ गया. पता चला है कि जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त स्केटिंग कर रहे बेटे नैमिश के साथ IPS श्वेता श्रीवास्तव खुद भी मौजूद थीं.
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कौन हैं श्वेता श्रीवास्तव?
एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव 2007 बैच की पीपीएस अधिकारी हैं. जांच में उत्कृष्टता के लिए उन्हें डीजी का प्रशस्ति डिस्क (रजत) मिल चुका है. यूपी पुलिस के आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, मूल रूप से देवरिया जिले की रहने वालीं श्वेता श्रीवास्तव का 3 अगस्त 1982 को हुआ था. लखनऊ की एडिशनल एसपी से पहले श्वेता श्रीवास्तव गोमती नगर में सीओ भी रही हैं. वर्तमान में ACP श्वेता श्रीवास्तव एसआईटी में तैनात हैं.
नैमिश मौत मामले में DCP ने कही ये बात
नैमिश दुर्घटना पर मामले पर डीसीपी ईस्ट आशीष श्रीवास्तव ने यूपी Tak से बातचीत में कहा कि ‘दोनों आरोपियों का प्लान था कि गाड़ी 150 किमी/घंटे की रफ्तार से चलाई जाए. पहले देवश्री ने गाड़ी चलाई और उसके बाद में सार्थक सिंह स्टेरिंग पर आ गया जो गाड़ी को 120 की रफ्तार के ऊपर ले जाने की कोशिश कर रहा था. नैमिष सड़क के किनारे स्केटिंग कर रहा था. तभी तेज रफ्तार में कार ने की चपेट में आने से दुर्घटना हुई मौके पर उसे समय उसके कोच और उनकी मां श्वेता श्रीवास्तव भी मौजूद थीं. दोनों आरोपी को सीसीटीवी फुटेज की मदद से कार को ट्रेस करते हुए उनके घर से पकड़ा गया है.’
जिला छोड़ भागने की फिराक में थे आरोपी
डीसीपी ईस्ट आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों आरोपी लड़के जिला छोड़कर भागने की फिराक में थे. एक के पिता रवींद्र सिंह ने साक्ष्य छुपाने के लिए गाड़ी को भी छुपाया था ताकि उसमें डेटिंग का काम कर कर बचा सके, इसलिए पिता के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में दोनों आरोपियों को रिमांड पर लिया जा रहा है और उनसे गहन पूछताछ की जाएगी. आरोपियों ने खुद के पास लर्निंग लाइसेंस होने की बात कही है, लेकिन अभी फिलहाल उनसे कोई लाइसेंस बरामद नहीं हुआ.
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