कौन हैं IAS मनीष बंसल जिन्होंने सहारनपुर में किसान की बेटी यशवी को बनाया एक दिन के लिए डीएम?

अनिल भारद्वाज

25 Oct 2024 (अपडेटेड: 25 Oct 2024, 09:11 AM)

Saharanpur News: सहारनपुर में इंटर टॉपर छात्राओं को एक दिन का डीएम और अन्य अधिकारी बनने का मौका, महिला सशक्तिकरण की अनोखी पहल.

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Saharanpur News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में इंटरमीडिएट में टॉप करने वाली छात्राओं को एक खास सम्मान दिया गया. 10 मेधावी छात्राओं को एक दिन के लिए जिले के विभिन्न प्रशासनिक पदों पर नियुक्त किया गया, जिनमें जिलाधिकारी, एसएसपी, एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट और सीडीओ जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल थे. इस पहल का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और लड़कियों को नेतृत्व का अनुभव दिलाना था. 

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इस सम्मान में सबसे खास रहीं यशवी, जो एक किसान की बेटी हैं और उन्हें एक दिन के लिए सहारनपुर की जिलाधिकारी बनने का अवसर मिला. जिले के डीएम मनीष बंसल ने इस पहल का नेतृत्व किया और कहा कि यह महिला शक्ति का प्रतीक है कि आज एक लड़की ने जिलाधिकारी की कुर्सी संभाली है. बंसल ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके कार्यकाल में यह मौका इन छात्राओं को मिला. 

कौन हैं IAS मनीष बंसल?

आपको बता दें कि सहारनपुर के जिलाधिकारी मनीष बंसल 2013 बैच के यूपी काडर के IAS अफसर हैं. 2013 में IAS मनीष ने यूपीएससी परीक्षा में 53वीं रैंक हासिल की थी. IAS मनीष बंसल मूल रूप से पंजाब जिले के संगरुर के रहने वाले हैं. इन्होंने इन्फॉर्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में एमटेक किया है. इनकी मां का नाम सुधा बंसल और पिता का नाम रामकुमार बंसल है. 

 

 

डीएम की कुर्सी पर बैठना आसान नहीं है: यशवी

यशवी ने डीएम की कुर्सी पर बैठकर जनता की शिकायतें सुनीं और उनके समाधान के प्रयास किए. उन्होंने बताया कि डीएम की कुर्सी पर बैठना आसान नहीं है, क्योंकि इसके साथ बड़ी जिम्मेदारियां भी आती हैं. यशवी ने कहा कि वह सभी लड़कियों से कहना चाहती हैं कि अगर वे ठान लें, तो कुछ भी कर सकती हैं. 

यशवी ने इस अनुभव को बेहद प्रेरणादायक बताया और कहा कि वह आगे चलकर यूपीएससी की परीक्षा देकर स्थायी रूप से डीएम बनना चाहती हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास राशन कार्ड, जमीन कब्जा जैसी समस्याएं लेकर लोग आए थे और उन्होंने उनके समाधान के लिए प्रयास किए. इस अनोखी पहल ने न केवल इन छात्राओं को प्रोत्साहित किया, बल्कि समाज में महिलाओं की शक्ति और नेतृत्व क्षमता को भी एक नया आयाम दिया.

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